पाक अस्पताल की छत पर सड़ रहीं 200 लाशें, अधिकारी बोले इसके लिए पुलिस जिम्मेदार
इस्लामाबाद पाकिस्तान के मुल्तान शहर के एक अस्पताल की छत से करीब 200 लाशें बरामद की गई हैं। पाक मीडिया में आई खबरों के मुताबिक मुल्तान के निश्तार अस्पताल के मुर्दाघर की छत से मानव शरीर के सैकड़ों अंग बरामद किए गए हैं। सरकार ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। निश्तार अस्पताल के एक शीर्ष अधिकारी ने अस्पताल की छत पर लाशों के सड़ने के लिए पुलिस और रेस्क्यू अधिकारियों को दोषी ठहराया है।
लाशों के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अस्पताल की छत पर अज्ञात शवों की जानकारी मिलने के बाद पंजाब और निश्तार मेडिकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ने अलग-अलग समितियों का गठन किया है। वेबसाइट से बात करते हुए मेडिकल यूनिवर्सिटी के एनाटॉमी विभाग की प्रमुख डॉ मरियम अशरफ ने कहा कि मुर्दाघर की छत पर लाशों के जमा होने के लिए रेस्क्यू अधिकारियों और पुलिस को जिम्मेदार ठहराया गया है। उन्होंने कहा कि मुर्दाघर लाशों को स्वीकार करने से इनकार नहीं कर सकता क्योंकि यह उन्हें रखने के लिए बाध्य है।
अधिकारी ने कहा कि पुलिस और रेस्क्यू अधिकारी हमें इन्हें अस्पताल में रखने के लिए कहते हैं और समय से इन्हें वापस लेकर नहीं जाते। हमारे पास लिखित दस्तावेज हैं जिनमें हमने उन्हें लाशों को ले जाने के लिए कहा है। अस्पताल की अधिकारी ने कहा कि पुलिस से मिलने वाले शव आमतौर पर सड़ जाते हैं और उन्हें मुर्दाघर में नहीं रखा जा सकता है। धीरे-धीरे कीड़े लाशों को खाना शुरू कर देते हैं और एक से दूसरी लाश पर पहुंच जाते हैं। इसलिए सड़ती हुई लाशों को छत पर रखा जाता है जहां तीन कमरे हैं।
अधिकारी ने एनजीओ पर भी लाशों को वापस नहीं लेने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि लाशों को छत पर रखने का एकमात्र कारण यह है कि उनकी आमद बहुत ज्यादा है और पुलिस थानों में उनकी वापसी की संख्या बहुत कम है। हालांकि उन्होंने छत पर 200 लाशों की संख्या को खारिज किया। मरियम ने कहा कि मैं साफ कर दूं कि सिर्फ कुछ ही लाशें ऊपर रखी गई हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री के सलाहकार ने कहा कि एक मुखबिर ने उन्हें छत पर सड़ती हुई लाशों के बारे में सूचना दी थी।
लाशों के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अस्पताल की छत पर अज्ञात शवों की जानकारी मिलने के बाद पंजाब और निश्तार मेडिकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ने अलग-अलग समितियों का गठन किया है। वेबसाइट से बात करते हुए मेडिकल यूनिवर्सिटी के एनाटॉमी विभाग की प्रमुख डॉ मरियम अशरफ ने कहा कि मुर्दाघर की छत पर लाशों के जमा होने के लिए रेस्क्यू अधिकारियों और पुलिस को जिम्मेदार ठहराया गया है। उन्होंने कहा कि मुर्दाघर लाशों को स्वीकार करने से इनकार नहीं कर सकता क्योंकि यह उन्हें रखने के लिए बाध्य है।
अधिकारी ने कहा कि पुलिस और रेस्क्यू अधिकारी हमें इन्हें अस्पताल में रखने के लिए कहते हैं और समय से इन्हें वापस लेकर नहीं जाते। हमारे पास लिखित दस्तावेज हैं जिनमें हमने उन्हें लाशों को ले जाने के लिए कहा है। अस्पताल की अधिकारी ने कहा कि पुलिस से मिलने वाले शव आमतौर पर सड़ जाते हैं और उन्हें मुर्दाघर में नहीं रखा जा सकता है। धीरे-धीरे कीड़े लाशों को खाना शुरू कर देते हैं और एक से दूसरी लाश पर पहुंच जाते हैं। इसलिए सड़ती हुई लाशों को छत पर रखा जाता है जहां तीन कमरे हैं।
अधिकारी ने एनजीओ पर भी लाशों को वापस नहीं लेने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि लाशों को छत पर रखने का एकमात्र कारण यह है कि उनकी आमद बहुत ज्यादा है और पुलिस थानों में उनकी वापसी की संख्या बहुत कम है। हालांकि उन्होंने छत पर 200 लाशों की संख्या को खारिज किया। मरियम ने कहा कि मैं साफ कर दूं कि सिर्फ कुछ ही लाशें ऊपर रखी गई हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री के सलाहकार ने कहा कि एक मुखबिर ने उन्हें छत पर सड़ती हुई लाशों के बारे में सूचना दी थी।
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