जूता कांड से चर्चा में आए थे, उसी के बाद हाशिए पर चले गए थे शरद त्रिपाठी, पीएम मोदी तक पहुंची थी पंचायत



जूता कांड से चर्चा में आए थे, उसी के बाद हाशिए पर चले गए थे शरद त्रिपाठी, पीएम मोदी तक पहुंची थी पंचायत

उत्‍तर प्रदेश के संतकबीरनगर सीट से पूर्व सांसद शरद त्रिपाठी के राजनीतिक कॅरियर के लिए 6 मार्च 2019 का दिन हद से ज्‍यादा बुरा साबित हुआ। यही वो दिन था जब उनके और मेंहदावल से भाजपा विधायक राकेश सिंह बघेल के बीच पत्‍थर पर नाम न लिखे होने को लेकर तू-तू, मैं-मैं हुई और विकास योजनाओं की मीटिंग के दौरान प्रभारी मंत्री आशुतोष टंडन और डीएम की मौजूदगी में सरेआम जूता कांड हो गया। उस दिन सारे देश में यह कांड सुर्खियों में था लेकिन उसके बाद तत्‍कालीन सांसद शरद त्रिपाठी के सियासी सफर पर जैसे ब्रेक ही लग गया। बताते हैं कि मामले की पंचायत पीएम मोदी तक गई और अंतत: 2019 के लोकसभा चुनाव में शरद का टिकट कट गया। संतकबीरनगर से उनकी जगह प्रवीण निषाद को उम्‍मीदवार बनाया गया। 

पार्टी ने शरद का टिकट काटकर उनके पिता और 2007 से 2010 तक भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष रहे रमापति राम त्रिपाठी को देवरिया से चुनाव लड़ाया और वे जीते भी। लेकिन शरद इक्‍का-दुक्‍का कार्यक्रमों में नज़र आने के अलावा ज्‍यादातर समय अदृश्‍य ही रहे। कुछ समय बाद उनकी बीमारी की छिटपुट खबरें आने लगीं। बीच-बीच में अफवाहों का बाजार भी गर्म होता रहा लेकिन इस दौरान शरद त्रिपाठी की कहीं भी सक्रियता नज़र नहीं आई।

Post a Comment

0 Comments