नियमित टीकाकरण में हो रहा स्टाफ का संकट


नियमित टीकाकरण में हो रहा स्टाफ का संकट

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नियमित टीकाकरण में स्टॉफ का बड़ा संकट खड़ा हो रहा है। सीएचसी/पीएचसी पर मौजूद ज्यादातर वैक्सीनेटरों की ड्यूटी कोविड टीकाकरण में लगा दी गई है। बच्चों व गर्भवती के होने वाले नियमित टीकाकरण के लिए स्टॉफ नहीं मिल रहा है। जिम्मेदारों का कहना है कि अगर इस ओर उच्चाधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिया गया तो नियमित टीकाकरण का ग्राफ गिर सकता है।

कोविड के केस कम होने के बाद स्वास्थ्य विभाग का उसकी अन्य योजनाओं के साथ ही नियमित टीकाकरण पर भी विशेष जोर है। कोविड काल में टीकाकरण काफी कम हो गया था। इसमें बहुत से ऐसे टीके हैं, जिनका समय से लगाया जाना बहुत जरूरी होता है। जानकारों का कहना है कि इस समय प्रशासन का सबसे ज्यादा जोर कोविड टीकाकरण पर है। पांच ब्लॉकों में पॉयलट प्रोजेक्ट के तहत कलस्टर बनाकर बड़े पैमाने पर टीकाकरण कराया जा 

इसके अलावा अन्य ब्लॉकों में भी गांवों में टीम भेजकर कोविड का टीका लगवाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग से इतर अन्य विभागों को भी टीकाकरण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अन्य विभाग के अधिकारी भी सीएचसी/पीएचसी से ही वैक्सीनेटर ले जाकर टीकाकरण करा रहे हैं। आम तौर से एक ब्लॉक में 20-25 टीम टीकाकरण के लिए लगाई गई है। एक ब्लॉक में लगभग 30 वैक्सीनेटर ही उपलब्ध होती है। ऐसे में बुधवार व शनिवार को होने वाले नियमित टीकाकरण के लिए स्टॉफ का संकट हो जा रहा है। एएनएम के अलावा अन्य कर्मियों को लगाकर किसी तरह काम चलाया जा रहा है।

स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर आम तौर से दो एएनएम की तैनाती है। एक एएनएम को कोविड टीकाकरण व एक को नियमित टीकाकरण में लगाया गया है। नगरीय क्षेत्र सहित कुछ जगहों पर समस्या है। उसे भी दूर कराने का प्रयास किया जा रहा है

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