बस्ती,क्रय केंद्र पर किसान का 14 बोरा गेहूं गायब, बवाल के बाद मिला


क्रय केंद्र पर किसान का 14 बोरा गेहूं गायब, बवाल के बाद मिला

    बस्ती

साधन सहकारी समिति दक्षिण दरवाजा पर मंगलवार दोपहर उस समय बवाल होने लगा जब अपना गेहूं बेचने आए एक किसान का 14 बोरी गेहूं गायब हो गया। किसान का आरोप था कि तौल कराते समय वह 71 बोरा गेहूं अपनी ट्राली से लाया, गोदाम में उतारते समय उसकी गिनती 57 बोरा की हुई। इसको लेकर केंद्र पर काफी देर तक बवाल चला। बिचौलियों ने भी अपनी ताकत दिखाई, लेकिन डटे रहे किसान को बाद में 14 बोरी गेहूं लौटाते हुए तौल की प्राप्ति दे दी गई। आरोप है कि यह प्राप्ति रसीद तब दी गई, जब किसान से प्रति कुंतल 50 रुपये कमीशन लिया गया। रुपया न देने पर 1.83 किलो गेहूं तौल में कम कर दिया गया। 800 रुपये पल्लेदारी भी ले ली गई। एआर कोआपरेटिव का कहना है कि मामले की जांच कराई जाएगी।

सांऊघाट ब्लॉक के ऊंचगांव जमोहे निवासी किसान राजदेव मंगलवार को अपनी ट्राली से 71 बोरी गेहूं लेकर साधन सहकारी समिति दक्षिण दरवाजा पहुंचे। उनकी ट्राली तौल के लिए गोदाम पर लग गई। राजदेव ने बताया कि वह अपने घर पर निजी दुकानदार की तौल मशीन लाकर बोरी को तौला और गिन कर लाया। गोदाम के सामने लगाकर जब उसके बोरों की तौल की गई तो सभी बोरे वजन में सही मिले, लेकिन गिनती में उसके 71 बोरे को केवल 57 बोरा बताया गया। 14 बोरी गेहूं कम होने पर वह अवाक हो गए। सात कुंतल गेहूं कम होने को लेकर शिकायत करने लगे। मौके पर बवाल होने लगा। समिति समिति कर्मी और वहां मौजूद बिचौलिए उसे दबाने लगे। इसी दौरान किसान के समर्थन में कुछ लोग पहुंच गए। मामला डीएम व एसपी के शिकायत तक जाने की बात पर समिति कर्मियों ने उसे 71 बोरी की प्राप्ति रसीद देने की बात कह कर मामला शांत कराया।

राजदेव का आरोप है कि किसान के समर्थन में पहुंचे लोग लौटे तो प्रति कुंतल 50 रुपये कमीशन व 800 रुपये पल्लेदारी की मांग हुई। 800 रुपया देने के बाद भी समिति कर्मी कमीशन पर अड़े रहे। रुपया न होने की बात पर 1.83 किलो गेहूं की कम प्राप्ति रसीद दी गई। इसकी शिकायत एआर कोआपरेटिव कार्यालय तक पहुंची तो एआर ने मामले की जांच का निर्देश दिया है। इस बाबत समिति के सचिव विजयानंद द्विवेदी ने कहा कि कमीशन लेने का आरोप निराधार है। किसान को बोरा गिनने में कुछ गलतफहमी हो गई थी, जिसे दूर कर दिया गया था। समिति पर कोई बिचौलिया नहीं रहता है। किसान की जो भी शंका थी उसका समाधान कर दिया गया 

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