नौ मौतों से दहशत में भटहा जंगल गांव के लोग
बभनान,बस्ती
बभनान कस्बे से सटे भटहा जंगल की पहचान देवी के प्रमुख समय माता स्थल के तौर पर होती है। पिछले एक पखवारे में यहां हुई नौ मौतों ने लोगों को डरा दिया है। मरने वालों में चार बुजुर्ग तो पांच नौजवान हैं। अधिकांश मृतक अपने घर के कमाऊ सदस्य थे, जिनको खोकर परिवार घोर संकट का सामना कर रहा है। साफ-सफाई का अभाव है। सेनेटाजेशन नहीं हुआ है। जांच के नाम पर भी अभी तक गांव में कोई टीम नहीं पहुंची है। कोविड को लेकर ग्रामीण काफी डरे हुए हैं।
भटहा जंगल निवासी किशोर (45), दुर्गेश चौधरी (24), लुटावन (70), परमात्मा चौधरी का पुत्र (32), बंगाली (50), ब्रम्हदेव सोनी (60), ब्रम्हदेव सोनी की मां (80), शिव कुमार की पत्नी (40), रामेश्वर वकील की पत्नी (75) की एक पखवारे के अंदर मौत हो गई। ब्रह्मदेव सोनी व उनकी मां की मौत एक घर में हुई तो पूरा परिवार टूट गया। इन मौतों को लेकर ग्रामीण डरे हुए हैं। उन्हें कोविड को भी लेकर डर सता रहा है कि कौन इसकी चपेट में आएगा, इसका पता नहीं है। अधिकांश लोग अपने-अपने घरों में दुबके हुए हैं। लॉकडाउन का पालन जनता स्वयं कर रही है। भटहा जंगल इलाके में बभनान की नवीन मंडी आती है। यहां पर थोक व फुटकर विक्रेता बड़ी संख्या में आते हैं। यहां पर पर्याप्त साफ-सफाई नहीं है।
नवरात्र में लगता है समय माता मंदिर पर मेला
भटहा समय माता मंदिर को देवी के सिद्ध स्थान के तौर पर जाना जाता है। यह कलहंस परिवार की कुलदेवी के तौर पर जानी जाती हैं। नवरात्र के समय यहां पर मेला लगता है। सप्ताह के अन्य दिन भी यहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु देवी दर्शन व आराधना के लिए आते हैं। यहां से गुजरने वाली रेल लाइन को तिरक्षा करके निकाला गया है। कहा जाता है कि जब रेल लाइन बन रही थी तो समय माता का स्थान बीच में आ रहा था। काफी प्रयास के बाद भी यहां से रेल लाइन तत्कालीन इंजीनियर व मजदूर नहीं निकाल पाए थे तो वह बगल से निकाले।
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