प्रत्यर्पण केस: नीरव मोदी ने खुद को बताया मानसिक बीमार, फिर भी नहीं चला कोई बहाना
पंजाब नेशनल बैंक समेत कई बैंकों को हजारों करोड़ का चूना लगाकर भागने वाले नीरव मोदी के तमाम बहानों को खारिज करते हुए ब्रिटिश कोर्ट ने उसके भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। अदालत में सुनवाई के दौरान नीरव मोदी ने एक बहाना यह किया था कि उसकी मानसिक स्थिति खराब है। इसके जवाब में कोर्ट ने कहा कि ऐसी स्थिति में यह होना कोई अलग चीज नहीं है। नीरव मोदी का कोर्ट में कहना था कि मुंबई की आर्थर रोड जेल में मेडिकल ट्रीटमेंट और मेंटल हेल्थ के लिए जरूरी सुविधाएं नहीं हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि ऐसा नहीं है, आर्थर रोड जेल में आपको सभी जरूरी मेडिकल ट्रीटमेंट और मेंटल हेल्थ की सुविधाएं मिलेंगी।
यही नहीं कोर्ट ने कहा कि यदि नीरव मोदी को भारत भेजा जाता है तो उसके आत्महत्या करने का खतरा नहीं है। जज ने कहा कि नीरव मोदी को आर्थर रोड जेल में सभी जरूरी सुविधाएं मिलेंगी, जिससे उसकी मानसिक स्थिति बेहतर रहे और वह आत्महत्या जैसी स्थिति में न आए। इस तरह जिला न्यायाधीश सैमुअल गूजी ने फैसला सुनाते हुए नीरव मोदी की ओर से मानसिक स्वास्थ्य को लेकर उठाए गए मुद्दों को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि यदि नीरव का भारत में प्रत्यर्पण होता है तो उनके साथ अन्याय नहीं होगा। कोर्ट ने कहा कि मुंबई के ऑर्थर रोड जेल का बैरक 12 नीरव मोदी के लिए फिट है।
नीरव मोदी ने अपने वकील के जरिए यह दावा भी किया कि भारत के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने केस को प्रभावित करने का प्रयास किया। लेकिन अदालत ने उसके सभी तर्कों को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि नीरव मोदी के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और उनके केस को भारत में चलाने के लिए उनका प्रत्यर्पण किया जाना चाहिए। हीरा कारोबारी नीरव मोदी फिलहाल लंदन की एक जेल में बंद है। अदालत के फैसले को इसके बाद ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा। हालांकि, नीरव मोदी के पास अभी हाई कोर्ट में अपील का अधिकर है।
यही नहीं ब्रिटिश कोर्ट ने नीरव मोदी को झटका देते हुए कहा कि उसने सबूतों को मिटाने की कोशिश की है और गवाहों को भी धमकाने का प्रयास किया है। नीरव मोदी का भारत प्रत्यर्पण होना मोदी सरकार के लिए बड़ी जीत होगी। विजय माल्या से लेकर नीरव मोदी तक कई लोगों के घोटाले कर भागने से सरकार को विपक्ष की आलोचना का सामना करना पड़ा है।
रिपोर्टर:- रवि कसौधन
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