बस्ती ,जिले की छह सीएचसी को मिला कायाकल्प अवार्ड
बस्ती ,जिले की आधा दर्जन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ,सीएचसी, को वर्ष-2022-23 का कायाकल्प अवार्ड मिला है। इसमें कप्तानगंज, रुधौली, गौर, दुबौलिया, परशुरामपुर व साऊंघाट सीएचसी शामिल है। कप्तानगंज, रुधौली, गौर, परशुरामपुर सीएचसी को यह अवार्ड तीन या उससे अधिक बार मिल चुका है। कायाकल्प अवार्ड के लिए हुए असेस्मेंट में 70 प्रतिशत से ज्यादा अंक इन सीएचसी को मिला है। सभी को इनाम के रुप में एक लाख रुपए मिलेगा। यह जानकारी सीएमओ डॉ. आरपी मिश्रा ने दी।
सीएमओ ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में कायाकल्प अवार्ड स्कीम के तहत सीएचसी का तीन चरणों (इंटर्नल, पियर व एक्सर्टनल) में असेस्मेंट किया गया। जिले की छह सीएचसी ऐसी हैं, जिन्हें उक्त मानक के अनुसार 70 प्रतिशत या उससे अधिक अंक हासिल हुआ है। उन्होंने कहा कि सीएचसी स्टॉफ के साथ जिले के स्टॉफ के अथक प्रयास के बाद यह उपलब्धि हासिल की जा सकी है। इससे टीम का उत्साहवर्धन हुआ।
सीएमओ ने बताया कि कायाकल्प अवार्ड के तहत मिलने वाली धनराशि का 75 प्रतिशत इकाई के चि्ह्तित गैप के क्लोजर, रख-रखाव, स्वच्छता व्यवस्था इत्यादि पर खर्च किया जा सकेगा। इससे अगले कायाकल्प/एनक्वॉस के असेस्मेंट के स्कोर में इजाफा हो सकेगा। 25 प्रतिशत धनराशि जो अधिकारियों एवं कर्मचारियों के उत्साहवर्धन के लिए इंसेंटिव के तहत दिए जाने का प्रावधान है। इसके लिए इकाई स्तर पर अवार्ड समारोह का आयोजन कराया जाएगा। प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिया जाएगा। इसमें अधिकारी, कर्मचारी (नियमित, संविदा व आउटसोर्सिंग) सभी शामिल होंगे।
जिला क्वालिटी परामर्शदाता (क्वालिटी एश्योरेंस सेल) डॉ. अजय कुमार ने बताया कि जून-जुलाई 2022 में 400 बिंदुओं पर जिले की सभी 14 सीएचसी का आंतरिक मूल्यांकन हुआ था। आंतरिक मूल्यांकन में पास होने के बाद सभी का सितम्बर से अक्टूबर 2022 तक पीयर हुआ। इसमें सात सीएचसी पास हुई। इसके बाद एक्सर्टन असेस्मेंट में छह सीएचसी पास होने में कामयाब रही।
उन्होंने बताया कि सीएचसी कप्तानगंज वर्ष 2017 से, सीएचसी रुधौली वर्ष 2018 से, गौर वर्ष 2019 से सीएचसी परशुरामपुर तीसरी बार तथा दुबौलिया सीएचसी दूसरी बार कायाकल्प अवार्ड हासिल करने में कामयाब रही है। अवार्ड के लिए की जाने वाली तैयारियों के कारण सीएचसी की बुनियादी सुविधाओं जैसे बैठने की व्यवस्था, शुद्ध पानी, इंफेक्शन कंट्रोल की व्यवस्था आदि में सुधार हुआ है, जिसका लाभ मरीजों को मिल रहा है
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