बस्ती,फाइनेंशियल लिट्रेसी कार्यक्रम की लांचिंग, महिलाओं-छात्राओं को किया जायेगा जागरूक
बस्ती,जीवन मे विपरीत परिस्थितियों से निबटने में की गई छोटी छोटी जरूरतें बेहद काम आती है। इस लिए हमें अपने कमाई का कुछ हिस्सा बचत के रूप में गुल्लक या बैंक खातों में जमा करते रहना चाहिए। हमारे द्वारा की गई यह छोटी छोटी बचतें एक दिन बड़े धनराशि के रूप में इकट्ठी होकर हमारे बड़ी जरूरतों को पूरा करने में मददगार साबित होती है। यह बातें इंडियन डेवलपमेंट फाउंडेशन मुंबई और होम क्रेडिट द्वारा बस्ती जिले में शुरू किए गए वित्तीय साक्षरता के लांचिंग अवसर पर आईडीएफ मुम्बई के सीईओ डॉ नारायण एबी अय्यर ने कहीं। उन्होंने बस्ती सदर ब्लाक के पाकरडाँड़ बाजार में संचालित निःशुल्क सिलाई सेंटर के प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कहा कि
फाइनेंसियल लिट्रेसी तात्पर्य यह है की धन को कैसे खर्च किया जा सकता है और कैसे बचाया जा सकता है यह सीख मिलती है। इसकी जानकारी रखना हमारे लिए जरूरी है।
उंन्होने कहा कि वित्तीय साक्षरता सभी प्रकार के आयु समूह, लिंग, वर्ग और सभी स्तर के लोगों के लिए उपयोगी और आवश्यक है. यह बालिकाओं, महिलाओं, बेरोजगारों, और विभिन्न प्रकार के रोजगारशुदा व्यक्तियों, वेतनभोगी व्यक्तियों, कर्मचारियों, प्रबंधकों, नियोक्ता व्यवसायियों, उद्यमियों और सभी प्रकार के लोगों के लिए उपयोगी है. महिलाओं और लड़कियों के लिए वित्तीय मुद्दों का ज्ञान उन्हें बेहतर वर्तमान और भावी जीवन की योजना बनाने के लिए प्रेरित करेगा. अच्छी तरह से वित्तीय व आर्थिक मामलों की जानकारी रखने वाले व इस विषय में जागरूक छात्र भी अपने माता-पिता का मार्गदर्शन कर सकते हैं. साक्षर महिलाएं और युवतियां जो घर के खर्चों का प्रबंधन करने के लिए जिम्मेदार होती हैं, वे परिवार के मुखिया की व अन्य आय को एवं जो सबसे आवश्यक हो वही खर्चे सीमित रूप से करते हुए घरेलु आय और व्यय के प्रबंधन में मदद कर सकती हैं.
यह उन लोगों के लिए भी अधिक आवश्यक है जिनके पास स्थाई रोजगार और नियमित आय के स्रोत नहीं हैं. रोजगार नहीं होने पर भी जीवन सामान्य ढंग से जीने में मदद करता है।
आईडीएफ के सीईओ डॉ नारायण एबी अय्यर ने बताया कि पूर्वांचल के बस्ती संतकबीरनगर और कुशीनगर जिले के 5 हजार महिलाओ को फाइनेंशियल लिट्रेसी के तहत जागरूक किये। जाने का लक्ष्य है।
फाइनेंशियल लिट्रेसी के एक्सपर्ट बृहस्पति कुमार पांडेय ने उपस्थित प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं में बचत करने की आदत डालना और ल अनावश्यक खर्चों को कम करना फाइनेंसियल लिट्रेसी का महत्वपूर्ण और खास हिस्सा है.उन्होंने कहा कि बहुत बार अच्छी खासी आय वाले भी आर्थिक संकट का शिकार होते देखे गए है. इसकी मुख्य वजह उनकी आदते है. अनावशयक खर्चा करने की आदत से अच्छी खासी कमाई वाले भी महीने के आखरी दिनों में अभावग्रस्त देखे जाते है. कहा कि मासिक बजट की कोई प्लानिंग का न होना ऐसे मुख्य कारण है जिसकी वजह से अच्छी आय होने के बावजूद भी महीने के आखरी दिनों में और इमरजेंसी में फाइनेंसियल क्राइसिस का शिकार हो जाते हैं। उंन्होने छात्राओं को गुल्लक और एक से अतिरिक्त बैंक खातों के जरिये बचत को बढ़ावा देने की बात कही।
इस जागरूकता कार्यक्रम के तहत लगभग 35 लड़कियां मौजूद रही
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