बस्ती,डीएम ने खुद दवा खाकर बताया पूरी तरह सुरक्षित है

      बस्ती,कलेक्ट्रेट में डीएम प्रियंका निरंजन ने छात्राओं को दवा खिलाकर नेशनल डिवार्मिंग डे का शुभारंभ किया। उन्होंने कीड़े मारने की दवा खुद भी खाकर छात्राओं से कहा कि दवा पूरी तरह सुरक्षित है। बेगम खैर इंटर कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ एसीएमओ डॉ. एफ हुसैन ने फीता काटकर किया। एसीएमओ आरसीएच डॉ. सीके वर्मा ने कहा कि एक से 19 साल तक के लगभग 12 लाख बच्चों व किशोर को कीड़े की दवा एल्बेंडाजोल खिलाई जानी है। साल में दो बार अगर बच्चों को यह दवा खिला दी जाए तो उनके पेट में कीड़े नहीं पलने पाएंगे। बेगम खैर की नोडल अध्यापिका अलका पांडेय ने बताया कि विद्यालय में 1950 छात्राओं को दवा खिलाई जानी है। उन्हें स्वास्थ्य विभाग की ओर से पहले ही प्रशिक्षण दिया जा चुका है। कक्षा 11 की छात्रा पूनम, प्रियंका, सानिया खान व रिमझिम उपाध्याय ने दवा खाने के बाद कहा कि उन्हें किसी प्रकार की समस्या नहीं है। पूरी तरह ठीक हैं। स्कूल में उन्हें बताया गया है कि दवा खाने से पेट में मौजूद कीड़े मर जाएंगे। हम पूरी तरह स्वस्थ रहेंगे।
डॉ. वर्मा ने बताया कि विद्यालयों व आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत बच्चों को पेट के कीड़े मारने वाली दवा 25 जुलाई से 27 जुलाई के बीच भी खिलाई जाएगी। यह दवा बच्चे को कुपोषण, खून की कमी समेत कई प्रकार की दिक्कतों से बचाती है ।
16 से 19 वर्ष के आयु वर्ग के किशोरों, ईंट भट्ठों पर कार्य करने वाले श्रमिकों और घुमंतु परिवार के बच्चों को भी यह दवा खिलाई जाएगी।
बताया कि यह दवा शिक्षक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने सामने खिलाएंगे और किसी भी स्थिति में परिजनों को उनके हाथ में दवा नहीं दी जाएगी । जिन बच्चों के पेट में पहले से कृमि होते हैं उन्हें कई बार कुछ हल्के प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं लेकिन इससे घबराना नहीं चाहिए और आशा या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मदद से चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
एसीएमओ डॉ.एके गुप्ता, डीसीपीएम दुर्गेश मल्ल, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी बृजेंद्र वर्मा सहित अन्य कार्यक्रम में शामिल रहे।

यह है दवा खाने के फायदे
– स्वास्थ्य एवं पोषण में सुधार
– रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि
• – एनीमिया नियंत्रण
– समुदाय में कृमि संक्रमण की व्यापकता में कमी
– सीखने की क्षमता और कक्षा में उपस्थिति में सुधार
• – वयस्क होने पर काम करने की क्षमता और आय में बढ़ोत्तरी

ऐसे भी होता है कृमि से बचाव
– साफ और छोटा नाखून
– साफ पानी का सेवन
– आसपास साफ-सफाई
– ढ़ककर खाने का इस्तेमाल
– जूते पहनना
– खुले में शौच न करना
– खाने के पहले और शौच जाने के बाद हाथ अवश्य धुलें
• – साफ पानी से फल और सब्जियां धोकर इस्तेमाल करें

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