चुनाव आयोग प्रतिबन्धों के साथ किया पांच राज्यों में तिथियों का ऐलान, बढा सियासी पारा
पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों की घोषणा हो गई है। इसके साथ ही देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व का श्रीगणेश हो गया है। मतदान 10 फरवरी से होगा और 10 मार्च को नतीजे आएंगे. पंजाब, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर में भी सियासी तापमान बढ़ चुका है। इलेक्शन डेट्स की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। चुनाव आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार मणिपुर में 27 फरवरी और 3 मार्च को वोटिंग, 10 मार्च को मतगणना, मणिपुर में 27 फरवरी को पहले चरण का मतदान और 3 मार्च को दूसरे चरण का मतदान होगा, पंजाब, गोवा और उत्तराखंड में 14 फरवरी को वोटिंग, 10 मार्च को काउंटिंग, पंजाब, गोवा और उत्तराखंड में एक फेज में होंगे चुनाव. 14 फरवरी को पंजाब गोवा और उत्तराखंड में मतदान होगा. मतगणना 10 मार्च को होगी।
यूपी में 10 फरवरी से वोटिंग, 10 मार्च को मतगणना
यूपी में पहले फेज का मतदान 10 फरवरी को होगा.
दूसरा फेज-14 फरवरी, तीसरा फेज- 20 फरवरी, चौथा फेज- 23 फरवरी, पांचवां फेज- 27 फरवरी, छठा पेज- 3 मार्च
सातवां फेज- 7 मार्च, मतगणना- 10 मार्च
विजय जुलूस पर रोक: CEC-
चुनाव आयोग ने कहा है कि चुनाव प्रचार डिजिटल, वर्चुअल, मोबाइल के जरिए करें. फिजिकल प्रचार के पारंपरिक साधनों का इस्तेमाल कम से कम करें. इसके अलावा रात आठ बजे से सुबह आठ बजे तक कोई प्रचार, जन संपर्क राजनीतिक पार्टियां नहीं कर सकेंगी. विजय जुलूस नहीं निकाला जा सकेगा. विजय उम्मीदवार दो लोगों के साथ प्रमाण पत्र लेने जाएंगे. पार्टियों को तय जगहों पर ही सभा करने की अनुमति होगी. सभी पार्टियों और उम्मीदवारों को अंडरटेकिंग देनी होगी कि वे कोविड गाइड लाइन का पालन सख्ती से करेंगे.
रोड शो, रैली, पद यात्रा तक रोक:
चुनाव आयोग ने आज से 15 जनवरी तक रोड शो, रैली, साइकिल रैली पद यात्रा तक रोक पूर्ण रुप से रोक लगा दी है. 15 जनवरी के बाद पर इस पर विचार किया जाएगा।
एक घंटे बढ़ाया गया मतदान का समय:
एक अहम ऐलान में चुनाव आयोग ने कहा है कि मतदान के लिए समय को एक घंटा बढ़ा दिया गया है. ऐसा कोरोना की वजह से किया गया है. चुनाव के समय की घोषणा अधिसूचना जारी करने के वक्त की जाएगी।
90 फीसदी वोटिंग करना आयोग का लक्ष्य:
CEC सुशील चंद्र ने कहा है कि मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट लागू हो गया है. चुनाव आयोग के अनुसार वोटर गाइड भी मिलेगी पहली बार वोट डालने वालों को. आयोग उनको निजी तौर पर चिट्ठी भी देगा. कम वोटिंग प्रतिशत वाले बूथों पर स्वीप एक्टिविटीज से इसे बढ़ाया जाएगा. चुनाव आयोग ने कहा है कि 60 से 70 फीसद संतोषजनक नहीं है. 90 फीसद से ज्यादा करना आयोग का लक्ष्य है।
ऐसे करें आदर्श आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत:
इस बार चुनाव खर्च बढ़ाया गया है. राज्यों के दर्जे के मुताबिक विधायक उम्मीदवार 28 लाख से 40 लाख रुपए चुनाव में खर्च सकता है. आयकर, डीआरआई, रेलवे सहित कई एजेंसियों और संस्थानों को अलर्ट किया गया है कि नशीले पदार्थ, शराब, काला धन या अन्य फोकट में बांटने की चीजें लाने ले जाने वालों पर कड़ी निगाह रखें. चुनाव आयोग ने सुविधा एप बनाया है. इसके जरिए राजनीतिक दल सीधे आयोग को संपर्क कर सकते हैं. C vigil एप जनभागीदारी के लिए बनाया गया है. जनता इसे डाउनलोड कर एमसीसी का कोई भी उल्लंघन का वीडीओ, ऑडियो या सबूत अपलोड कर सकते हैं. शिकायतकर्ता के नाम पते की गोपनीयता के साथ कार्रवाई होगी।
कोविड पॉजिटिव के घर जाएगी चुनाव आयोग की टीम, वोट डलवाकर आएगी:
सभी बूथ पर पुरुष और महिला सुरक्षाकर्मी तैनात होंगे. दिव्यांगों के लिए विशेष इंतजाम होंगे हर बूथ पर. वॉलेंटियर मदद करेंगे. व्हील चेयर भी हर बूथ पर होगी. कोविड प्रभावित या कोविड संदिग्ध के घर वीडीओ टीम के साथ आयोग की टीम विशेष वैन से जाएगी वोट डलवा कर आएगी. इन्हें बैलेट पेपर से वोट डालने का अधिकार मिलेगा।
अपराधिक पृष्ठ भूमि के उम्मीदवारों के लिए अखबार टीवी और मीडिया और वेबसाइट के होम पेज पर तीन बार अलग अलग चरणों पर जानकारी सार्वजनिक करनी होगी. जनता को पता चले कि उनके उम्मीदवार कैसे हैं ?
संवेदनशील बूथों पर पूरे दिन वीडीओग्राफी होगी. पांचों राज्यों में एक लाख से ज्यादा बूथों पर लाइव वेबकास्ट होगा। ऑब्जर्वर भी ज्यादा संख्या में तैनात होंगे।
80+ बुजुर्गों और कोविड प्रभावितों को पोस्टल बैटेल की सुविधा:
इस बार 1250 मतदाताओं पर एक बूथ बनाया गया है. पिछले चुनाव की तुलना में 16 फीसदी बूथ बढ़ गए हैं. 1620 बूथ को महिला पोलिंगकर्मी मैनेज करेंगी. 900 आब्जर्बर चुनाव पर नजर रखेंगे. चुनाव आयोग ने सरकारी कर्मचारियों के अलावा 80 साल से ज्यादा उम्र के नागरिकों, दिव्यांगों और कोविड प्रभावित लोगों के लिए पोस्टल बैलेट की व्यवस्था की है।
हर सीट पर एक बूथ महिलाओं के जिम्मे-
- मुख्य चुनाव आयुक्त ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इन चुनावों में 18 करोड़ से ज्यादा वोटर हिस्सा लेंगे।
- 18.34 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। 24.9 लाख वोटर पहली बार वोट डालेंगे।
- मतदान केंद्रों की संख्या 2,15,368 है, 2017 के विधानसभा चुनावों से मतदान केंद्रों की संख्या 16% बढ़ाई गई है।
- 80 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग व्यक्ति और कोविड-19 पॉजिटिव व्यक्ति पोस्टल बैलेट से मतदान कर सकते हैं।
- हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक पोलिंग स्टेशन ऐसा होगा जिसका संचालन पूरी तरह से महिलाएं करेंगी।
- कुल 900 पर्यवेक्षक चुनाव प्रक्रिया पर नजर रखेंगे, जरूरी होने पर स्पेशल ऑब्जर्वर भी तैनात किए जाएंगे।
चुनाव आयोग ने कहा कि C VIGIL ऐप पर किसी भी तरह के चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की जानकारी दी जा सकेगी। सीईसी ने कहा कि हम चाहते हैं कि वोटर अपने मताधिकार को लेकर जागरूक हों, इसलिए हमने वोटरों तक पहुंचने के लिए विशेष अभियान चलाएंगे, वोटरों को एक छोटी सी वोटर गाइड मुहैया कराई जाएगी
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