बस्ती,डूडा कर्मियों ने एक दूसरे से की मारपीट क्रास एफआईआर
जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) कार्यालय में तैनात कर्मियों ने एक दूसरे पर मारपीट व हमला करने का आरोप लगाया है। एक पक्ष ने चार दिन पहले घूस मांगने व न देने पर मारपीट करने का मुकदमा जिला समन्वयक सहित दो जेई पर दर्ज कराया था तो दूसरे पक्ष ने भ्रष्टाचार की जांच रिपोर्ट देने व उस कार्रवाई से नाराज होकर मारपीट व धमकाने का मुकदमा दर्ज कराया है। पिछले 10 दिनों से डूडा बस्ती का कार्यालय रणभूमि बना हुआ है। इसके पीछे का कारण आवास सहित अन्य योजनाओं में लाभार्थियों से बड़े पैमाने पर धन उगाही व बंटवारे को लेकर उठा विवाद बताया जा रहा है।
डूडा कार्यालय में तैनात प्रधानमंत्री आवासीय योजना शहरी में जेई पद पर कार्यरत रनदीप यादव ने पुरानी बस्ती थाने में जिला समन्वयक अभिजीत पाल, अवर अभियन्ता दीपक गौड़, विनय सिंह के विरूद्ध मारपीट व गाली-गलौज का मुकदमा दर्ज कराया था। जेई रनदीप यादव और उदय शुक्ला ने पुलिस को दी तहरीर में आरोप लगाया कि कुछ कारणों से उनका निलम्बन हो गया था। एक सप्ताह बाद 20 सितम्बर को निलंबन वापस होना था। निलम्बन वापसी के लिये जिला समन्वयक अभिजीत पाल ने 50 हजार रुपये घूस की मांग किया। विरोध करने पर अभिजीत पाल, उनके सहयोगी अवर अभियन्ता विनय सिंह, दीपक गौड़ आदि ने उन्हें मारा पीटा और कार्यालय में न दिखाई देने की धमकी दी
दूसरे पक्ष के जिला समन्वयक अभिजीत पाल ने आरोप लगाया कि 28 सितम्बर को उदय शुक्ल और रन्दीप यादव अपने साथियों के साथ हथियार लेकर कार्यालय पहुंचे। अभिजीत पाल ने बताया कि उदय शुक्ल एवं रन्दीप यादव के विरूद्ध डीएम के आदेश पर शहरी मिशन प्रबंधक ज्ञानेन्द्र शुक्ल एवं जिला समन्वयक यदुवंश चौधरी ने जांच किया था। जांच में दोनों दोषी पाए गए थे। इसी जांच को दबाने की नीयत से यह लोग कार्यालय में विवाद पैदा कर रहे हैं। हमारे विरूद्ध दर्ज कराया गया मुकदमा पूरी तरह से मनगढंत है। इस मामले में एडीएम ने भी हस्तक्षेप किया था।
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