बस्ती,टोल प्लाजा के अलावा अन्य सर्विस रोड पर वाहनों से वसूली पर तत्काल प्रतिबंध लगाने के लिए जिलाधिकारी श्रीमती सौम्या अग्रवाल ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया
बस्ती,टोल प्लाजा के अलावा अन्य सर्विस रोड पर वाहनों से वसूली पर तत्काल प्रतिबंध लगाने के लिए जिलाधिकारी श्रीमती सौम्या अग्रवाल ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया है। जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से किसी अधिकारी के न आने पर उन्होंने असंतोष व्यक्त किया। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित समिति की बैठक में उन्होंने पाया कि चिन्हित 27 ब्लैक स्पॉट पर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा ब्लैक स्पॉट बोर्ड, रंबल स्ट्रिप, स्पीड ब्रेकर, जेब्रा क्रॉसिंग तथा कैट आई स्थापित नहीं किया गया है। इस संबंध में उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को 15 दिन के भीतर कार्य पूरा कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने एआरटीओ को प्रत्येक सप्ताह कार्य पूर्ति की रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा कि शीतकाल के पहले सुरक्षा के सभी उपाय सुनिश्चित किए जाएं। उन्होंने सभी थानाध्यक्षों को भी निर्देशित किया है कि वे अपने क्षेत्र के दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र चिन्हित कर ले तथा यदि सड़क पर किसी प्रकार के सुरक्षात्मक उपाय किए जाने की आवश्यकता है, तो इसकी सूची एआरटीओ को उपलब्ध करा दें, जो विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित करके सड़कों पर सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित कराएंगे। सड़क सुरक्षा गतिविधियों की निगरानी के लिए उन्होंने अपर जिला अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित किया है, जो एआरटीओ, सीओ पुलिस, बीएसए तथा डीआईओएस के साथ बैठक करके उपायों की समीक्षा करेंगे तथा आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित कराएंगे।
उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी सुनिश्चित करेंगे कि हाईवे पर ट्रक खड़े न हो। ट्रक खड़ा करने के लिए जिले में हाईवे पर 9 स्थान चयनित हैं। यहां पर उन्होंने सोलर लाइट लगवाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि हाईवे पर यहां वहां ट्रक खड़े हो जाते हैं, जिससे कि दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है। उन्होंने नगर एवं ग्राम पंचायतों में यातायात पार्क-सह प्रशिक्षण केंद्र स्थापना पर बल दिया है। यातायात निरीक्षक कामेश्वर सिंह ने बताया कि बड़ेवन चौराहे पर एक छोटा पार्क स्थापित है, जहां समय-समय पर बच्चों को ले जाकर अवलोकन कराया जाता है और यातायात के नियमों की जानकारी दी जाती है।
उन्होंने सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वाहन दुर्घटनाओं संबंधी मजिस्ट्रीयल जांच समय से पूरा करके रिपोर्ट प्रस्तुत करें ताकि पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दी जा सके। उन्होंने अच्छे सेमटेरियनो को प्रेरित करने के लिए निर्देश दिया है। ऐसे लोगों, जो दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को तत्काल निकटवर्ती अस्पताल में पहुंचाते हैं, को चिन्हित कर अगली समिति की बैठक में सम्मानित किया जाए। शासन से धन मंगा कर उन्हें पुरस्कृत भी किया जाए। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने वाले नेक व्यक्ति को पुलिस अनावश्यक पूछताछ नहीं करेगी, घायल व्यक्ति को निजी या सरकारी अस्पताल में भर्ती करने से मना नहीं करेंगे। ऐसे नेक व्यक्ति को रू0 2000 का पुरस्कार भी दिया जाएगा। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि प्रत्येक अस्पताल ऐसे नेक व्यक्तियों का नाम अपने अस्पताल के बाहर बोर्ड पर प्रदर्शित भी करेंगे।
जिलाधिकारी ने समीक्षा में पाया कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों से दुर्घटना के 39 प्रकरण हुए हैं, जिसमें मृतक एवं घायलों को सहायता राशि दिया जाना है। उन्होंने सहायक प्रबंधक, रोडवेज आरपी सिंह को निर्देशित किया है कि वह सभी उप जिलाधिकारियों से समन्वय कर प्रकरणों की जांच पूरी कराएं तथा एडीएम के माध्यम से 15 दिन के भीतर सहायता राशि के आवंटन हेतु परिवहन आयुक्त उत्तर प्रदेश को संस्तुति भिजवाए। इसके अलावा सोलेशियम स्कीम 1989 के अंतर्गत हिट एंड रन के प्रकरणों में भी जांच कर सहायता राशि दिलाई जाती है। इस संबंध में जिलाधिकारी ने तहसीलवार आख्या मंगवाने का निर्देश दिया है। इसमें सहायता धनराशि न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के माध्यम से दी जाती है।
उन्होंने कहा कि शीतकाल के पहले सुरक्षा के सभी उपाय सुनिश्चित किए जाएं। उन्होंने सभी थानाध्यक्षों को भी निर्देशित किया है कि वे अपने क्षेत्र के दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र चिन्हित कर ले तथा यदि सड़क पर किसी प्रकार के सुरक्षात्मक उपाय किए जाने की आवश्यकता है, तो इसकी सूची एआरटीओ को उपलब्ध करा दें, जो विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित करके सड़कों पर सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित कराएंगे। सड़क सुरक्षा गतिविधियों की निगरानी के लिए उन्होंने अपर जिला अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित किया है, जो एआरटीओ, सीओ पुलिस, बीएसए तथा डीआईओएस के साथ बैठक करके उपायों की समीक्षा करेंगे तथा आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित कराएंगे।
उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी सुनिश्चित करेंगे कि हाईवे पर ट्रक खड़े न हो। ट्रक खड़ा करने के लिए जिले में हाईवे पर 9 स्थान चयनित हैं। यहां पर उन्होंने सोलर लाइट लगवाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि हाईवे पर यहां वहां ट्रक खड़े हो जाते हैं, जिससे कि दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है। उन्होंने नगर एवं ग्राम पंचायतों में यातायात पार्क-सह प्रशिक्षण केंद्र स्थापना पर बल दिया है। यातायात निरीक्षक कामेश्वर सिंह ने बताया कि बड़ेवन चौराहे पर एक छोटा पार्क स्थापित है, जहां समय-समय पर बच्चों को ले जाकर अवलोकन कराया जाता है और यातायात के नियमों की जानकारी दी जाती है।
उन्होंने सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वाहन दुर्घटनाओं संबंधी मजिस्ट्रीयल जांच समय से पूरा करके रिपोर्ट प्रस्तुत करें ताकि पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दी जा सके। उन्होंने अच्छे सेमटेरियनो को प्रेरित करने के लिए निर्देश दिया है। ऐसे लोगों, जो दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को तत्काल निकटवर्ती अस्पताल में पहुंचाते हैं, को चिन्हित कर अगली समिति की बैठक में सम्मानित किया जाए। शासन से धन मंगा कर उन्हें पुरस्कृत भी किया जाए। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने वाले नेक व्यक्ति को पुलिस अनावश्यक पूछताछ नहीं करेगी, घायल व्यक्ति को निजी या सरकारी अस्पताल में भर्ती करने से मना नहीं करेंगे। ऐसे नेक व्यक्ति को रू0 2000 का पुरस्कार भी दिया जाएगा। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि प्रत्येक अस्पताल ऐसे नेक व्यक्तियों का नाम अपने अस्पताल के बाहर बोर्ड पर प्रदर्शित भी करेंगे।
जिलाधिकारी ने समीक्षा में पाया कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों से दुर्घटना के 39 प्रकरण हुए हैं, जिसमें मृतक एवं घायलों को सहायता राशि दिया जाना है। उन्होंने सहायक प्रबंधक, रोडवेज आरपी सिंह को निर्देशित किया है कि वह सभी उप जिलाधिकारियों से समन्वय कर प्रकरणों की जांच पूरी कराएं तथा एडीएम के माध्यम से 15 दिन के भीतर सहायता राशि के आवंटन हेतु परिवहन आयुक्त उत्तर प्रदेश को संस्तुति भिजवाए। इसके अलावा सोलेशियम स्कीम 1989 के अंतर्गत हिट एंड रन के प्रकरणों में भी जांच कर सहायता राशि दिलाई जाती है। इस संबंध में जिलाधिकारी ने तहसीलवार आख्या मंगवाने का निर्देश दिया है। इसमें सहायता धनराशि न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के माध्यम से दी जाती है।
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