मनरेगा कर्मचारियों ने धरना देकर सौंपा ज्ञापन
मनरेगा कर्मचारियों को जेम पोर्टल से बाहर रखने, ग्राम पंचायत स्तर पर मेट की नियुक्ति निरस्त करने, मनरेगा कर्मचारियों की वेतन वृद्धि करने, इपीएफ लागू करने, मानव संसाधन नीति लागू करने सहित 10 सूत्रीय मांग पत्र को लेकर मनरेगा कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा।
प्रदर्शन को संबोधित करते हुए मनरेगा तकनीकी सहायक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रघुनाथ पटेल ने कहा की वर्तमान सरकार कर्मचारियों के प्रति संवेदनहीनता दिखा रही है। उन्होंने कहा कोरोना कार्यकाल में सैकड़ों कर्मचारियों ने अपनी जान देकर के भी विकास कार्य को अंजाम देते रहे फिर भी सरकार ने उनके प्रति कोई सुरक्षात्मक नियम नहीं बनाया , इसके लिए मानव संसाधन नीति सामाजिक सुरक्षा अति आवश्यक है। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा यदि हमारी मांगे नहीं पूरी की गई तो 26 जुलाई को विधानसभा घेरेंगे।
प्रदर्शन को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश रोजगार सेवक संघ के प्रदेश महामंत्री ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर रोजगार सेवक पहले तैनात हैं फिर मेट की क्या आवश्यकता है, उन्होंने कहा सरकार वर्तमान कर्मचारियों का अल्प मानदेय भी नहीं दे पा रही है फिर मेट और जेम पोर्टल को मनरेगा में लाकर अतिरिक्त खर्चा करने की योजना बना रही है जो अन्याय है, अपने संबोधन में इंद्रजीत चैधरी , विजय प्रकाश दुबे ने कहा कि अब आर-पार की लड़ाई होगी। तकनीकी सहायकों के जिलाध्यक्ष अरविंद कुमार पाठक, रोजगार सेवक के जिलाध्यक्ष श्याम करण यादव, कंप्यूटर ऑपरेटर के जिलाध्यक्ष अरविंद यादव ने कहा की सरकार को समान कार्य -समान वेतन लागू करना चाहिए। प्रदर्शन को श्याम चंद चैधरी, अरुण कुमार चैधरी शहंशाह आलम, बृजेश सिंह, राजेंद्र चैधरी , राजेश यादव, इंद्रजीत शर्मा , अमित किशोर यादव, मनोज उपाध्याय, गीता , श्रीमती सुनैना आदि लोगों ने संबोधित किया
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