महिलाओं में जागरूकता होने से असत्य, नकारात्मक घटनाओं को बढावा नही मिलेगा तथा पीड़ित को न्याय मिलेंगा-जिलाधिकारी

बस्ती, विधि,कानून समाज सापेक्ष होता है, जो परिवर्तनशील है। हम सभी का दायित्व है कानून का उपयोग विधि सम्मत ही करें। महिलाओं में जागरूकता होने से असत्य,नकारात्मक घटनाओं को बढावा नही मिलेगा तथा पीड़ित को न्याय मिलेंगा। उक्त विचार जिलाधिकारी श्रीमती सौम्या अग्रवाल ने व्यक्त किया। वे कलेक्ट्रेट सभागार में राष्ट्रीय महिला एवं राज्य महिला आयोग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एक दिवसीय विधिक जागरूकता शिविर को सम्बोधित कर रही थी।
उन्होने कहा कि प्रशासन की ओर से महिलाओं के लिए विभिन्न योजनाओं के साथ ही महिला सुरक्षा तथा कानूनी सहायता भी उपलब्ध करायी जा रही है। वे निर्भीक होकर उत्पीड़न के विरूद्ध कार्रवाई करा सकती है।

ए0डी0जे0/एफ0टी0सी0-2 अंकिता दूबे ने कहा कि महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न, यौन शोषण आदि अपराध हो रहे है। महिलाओ को कानूनी रूप से सुरक्षा प्रदान करने तथा अपराधियों को सजा दिलाने/जेल भेजने की कार्यवाही की जाती है। वे जागरूक हो कर अपने अधिकारों का प्रयोग करें तथा उत्पीड़न के खिलाफ अपनी आवाज बुलन्द करें।

नगर पालिका अध्यक्ष रूपम मिश्रा ने कहा कि अब महिलाए काफी जागरूक है। वे हरस्तर पर अपनी सुरक्षा/समृद्धि के लिए के लिए एकजुट होकर समाज को दिशा दे रही है। उन्हे बेवाकी से अपना पक्ष रखना चाहिए, जिससे कोई भी उनकी आवाज को दबा न सकें।

राज्य महिला आयोग की सदस्य श्रीमती इन्द्रवास सिह ने कहा कि हमारे समाज में भ्रूण हत्या संज्ञेय अपराध है। ऐसा कुकृत्य करने वालो को प्रशासन द्वारा दण्डित करने का प्राविधान है। भारत में सभी महिलाओं को सम्पत्ति और भरण-पोषण का अधिकार प्राप्त है। महिलाओं के प्रति साइबर क्राइम भी बढा है। महिलाओ को मोबाइल का प्रयोग सावधानीपूर्वक करना चाहिए तथा अपने नैतिक मूल्यों व संस्कार को भी नही त्यागना चाहिए

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