कोविड काल में मानदेय को मोहताज हैं आशा वर्कर्स


कोविड काल में मानदेय को मोहताज हैं आशा वर्कर्स

कोविड काल में जिले की 2237 आशा मानदेय के लिए मोहताज हैं। उन्हें अप्रैल के मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है। जिम्मेदारों का कहना है कि भुगतान की प्रक्रिया में तब्दीली के कारण यह समस्या खड़ी हुई है। शासन की ओर से मानदेय भुगतान समय से कराने का सख्त निर्देश है।

आशा को प्रसव कार्य में सहयोग सहित अन्य कार्य के लिए काम के हिसाब से मानदेय का भुगतान शासन से किया जाता है। कोरोना काल में उनकी जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं। इस समय कोरोना के संभावित मरीजों की पहचान व उनकी रिपोर्टिंग के साथ ही होम आईसोलेशन में रह रहे मरीजों पर नजर रखने, मरीजों में दवा का वितरण सहित अन्य कार्य किया जा रहा है। कोरोना के कई कार्य तो ऐसे हैं, जिसके लिए उन्हें कोई मानदेय भी नहीं दिया जा रहा है, इसके बाद भी आशा वर्कर्स काम में विभाग का पूरा सहयोग प्रदान कर रही हैं। इन हालात में उन्हें नियमित कार्य के अवज में मानदेय का भुगतान नहीं किया जा रहा है।

जानकारों का कहना है कि अभी तक आशाओं का भुगतान सीधे उनके खाते में पीएफएमएस के जरिए किया जाता रहा है। अब इसमें तब्दीली करते हुए शासन स्तर से कहा गया है कि नए सिस्टम फैम के जरिए उनके खातों में भुगतान किया जाना है। भुगतान के लिए जिम्मेदारी ब्लॉकों में तैनात बीसीपीएम अभी तक इस सिस्टम पर काम करने के लिए पूरी तरह प्रशिक्षित नहीं है। जिन लोगों को प्रशिक्षण दिया गया है, वह ठीक तरीके से काम नहीं कर पा रहे हैं। इसी कारण भुगतान में विलम्ब हो रहा है।

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