बस्ती,15दिन में 14 मौतों ने छीनी हनुमानगंज बाजार की रौनक


15 दिन में 14 मौतों ने छीनी हनुमानगंज बाजार की रौनक

रुधौली ,बस्ती

विकास खंड रुधौली का हनुमानगंज बाजार पिछले एक पखवारे से मौत की मार झेल रहा है। एक पखवारे में 14 मौतों ने बाजार की रौनक छीन लिया है। इन मौतों तीन बुजुर्ग व 11 जवान की हुई है। बुजुर्गों की कौन कहे जवानों में भी मौतों को लेकर दहशत है। लोग खुद को घरों में कैद कर लिए हैं। लॉकडाउन यहां के लोगों के स्वत: पालन करने वाला हो गया है। पुलिस व प्रशासन को इसके लिए कोई खास पहल नहीं करना पड़ रहा है।

हनुमानगंज बाजार के पूर्व प्रधान रहे रामकुमार जायसवाल (55), दिलीप जायसवाल (45), रामप्रकाश जायसवाल (45), राम उजागिर बरनवाल (58), सावित्री जायसवाल (65), इन्द्रावती कसौधन (45), बैजनाथ (45), राजकुमार कसौधन की माता, नूर मोहम्मद (45), मो. मुस्तफा, इसलावती देवी, नन्दलाल, मो. हुसैन, इनामुल्लाह की मौत हो गई। कोरोना महामारी के इस दौर में जिन लोगों के परिवार की किन्हीं कारणों से मौत हो गई, उन्हें काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। इन मौतों में अधिकांश का कारण सांस फूलना रहा है। 14 मौतों में तीन को छोड़ दिया जाय जो 11 मौत जवानों की हुई है। जो अपने परिवार के कर्ताधर्ता थी। उनकी मौत ने परिवार के रीढ़ तोड़ दी तो आर्थिक हालात पर काफी प्रभाव डाला है।

व्यापारिक लिहाज से महत्वपूर्ण है हनुमानगंज बाजार

रुधौली ब्लॉक की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत और व्यापरिक दृष्टि से रुधौली क्षेत्र की हृदय स्थली के तौर पर हनुमानगंज बाजार की पहचान है। यहां की आबादी कबरी 6500 है। यहां पर हिन्दू-मुस्लिम दोनों की अच्छी-खासी आबादी है। सांप्रदायिक सौहार्द की प्रतीक इस बाजार में हिन्दू और मुस्लिम आपस मे मिलकर ईद और दीवाली का त्यौहार मनाते हैं। व्यापारिक दृष्टि से आसपास के कई दर्जन गांव के लोग यहां पर आते हैं। चुनाव के समय यह बाजार प्रत्याशियों के लिए एक बड़ा केंद्र के तौर रहता है। आम तौर पर सभी के कार्यालय इस बाजार में खुलते हैं। ग्राम पंचायत बड़ा होने के बाद भी मात्र एक सफाई कर्मी तैनात है। दवा आदि का छिड़काव नहीं हुआ है।

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