सर्वाधिक खर्चा करने वाली ग्राम पंचायतों की होगी जांच

बस्ती : मनरेगा से सर्वाधिक खर्च करने वाली ग्राम पंचायतें जांच के दायरे में हैं। प्रत्येक विकास खंड की पांच ग्राम पंचायतों में कार्य की गुणवत्ता देखी जाएगी। इसके लिए ब्लाकवार जिला स्तरीय अधिकारी नामित किए गए हैं। पिछले दिनों सांसद हरीश द्विवेदी की अध्यक्षता में हुई जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक में मनरेगा से सर्वाधिक खर्च करने वाली ग्राम पंचायतों में कराए गए कार्यो की जांच का मामला उठा था। आरोप था कि मनमाने तौर पर धन खर्च किया गया है, उसके सापेक्ष कार्य नहीं हुआ है। सांसद ने डीएम और सीडीओ से जांच कराने को कहा। जिलाधिकारी ने 2020-21 में सर्वाधिक खर्च करने वाली प्रत्येक ब्लाक की पांच-पांच ग्राम पंचायतों में कराए गए कार्यों की जांच का निर्देश दिया है। जिले के सभी 14 ब्लाकों में एक-एक जिला स्तरीय अधिकारी को जांच के लिए नामित किया गया है।ब्लाकवार जांच अधिकारी का विवरण बहादुरपुर विकास खंड में जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी, कुदरहा में जिला विद्यालय निरीक्षक, बनकटी में अधिशासी अभियंता नलकूप, बस्ती सदर में जिला बेसिक शिक्षाधिकारी, साऊंघाट में जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी, परशुरामपुर में जिला समाज कल्याण अधिकारी, गौर में जिला युवा कल्याण अधिकारी, हर्रैया में सीपीओ डा. अश्वनी कुमार तिवारी, कप्तानगंज में सहायक निदेशक मत्स्य, दुबौलिया में अधिशासी अभियंता जल निगम, विक्रमजोत में डीपीआरओ, रामनगर में जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी, सल्टौआ गोपालपुर में जिला कार्यक्रम अधिकारी व रुधौली में जिला कृषि अधिकारी संजेश कुमार श्रीवास्तव  जांच अधिकारी होगे। सभी अधिकारियों को संबंधित ग्राम पंचायतों में कराए गए कार्यों के गुणवत्ता की जांच शासन द्वारा निर्धारित बिदु पर करने तथा एक सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा गया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर अगली कार्रवाई की जाएगी।इंद्रपाल सिंह, उपायुक्त - श्रम एवं रोजगार

रिपोर्टर - प्रदीप कुमार वर्मा

          हर्रैया से

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