बस्‍ती की महापंचायत में बरसे नरेश टिकैत, बोले-पूंजीपतियों की कठपुतली बन गई है सरकार, नेताओं का करें बहिष्कार



केंद्र सरकार काले कृषि कानून के जरिए किसानों को बरबाद करने में तुली है। पूंजीपतियों की कठपुतली बन चुकी सरकार सब कुछ निजी हाथों में सौंपने लगी है। सरकार को यह समझ लेना चाहिए कि आंदोलन जब-जब हिंसक होता है वह पतन का कारण बनता है। किसान विरोधी केंद्र सरकार का पतन तय है। किसान नेताओं का बहिष्कार करें। उन्हें तब तक अपने घर न बुलाएं जब तक किसाना विरोधी काला कानून रद्द न कर दिया जाए। यह बातें गुरुवार को मुंडेरवा में भाकियू द्वारा आयोजित किसान महापंचायत में भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कही। 

दोपहर में करीब डेढ़ बजे मुंडेरवा पहुंचे नरेश टिकैत ने सबसे पहले तिराहे पर स्थित शहीद किसानों की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उसके बाद कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। बस्ती, संतकबीरनगर और सिद्धार्थनगर जिले से आए सैकड़ों किसानों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 2014 में किसानों ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए झूम कर मतदान किया था। लेकिन पांच साल उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा फैलाई गई दुर्व्यवस्था को दूर करने का दावा कहते हुए गुजार दिया। दुबारा आए तो किसान विरोधी तीन काला कानून बना डाला। किसानों का वजूद खत्म करने में लगे हुए हैं। लेकिन उन्हें मालूम होना चाहिए कि हम धर्मयुद्ध लड़ रहे हैं। जीत हमारी ही होगी। उन्होंने यह भी कहा कि नेताओं का बहिष्कार करे अपने घर उन्हें तब तक न बुलाये जबतक कृषि कानून वापस न हो जाए।

भाकियू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बलराम सिह लंबरदार ने कहा कि 93 दिन से अधिक समय से कृषि कानून के विरोध में दिल्ली में आंदोलन चल रहा है। इस बीच पेट्रोल और डीजल के दाम में 18 से 20 रुपए प्रति लीटर तक की बढ़ोत्तरी हो चुकी है जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में कोई उछाल नहीं आया है। किसान निधि और एमडीएम के नाम पर किसान और गरीबों को बरगलाया जा रहा है। और वहीं पूंजीपतियों और अमीरों के बच्चों के हाथ में लैपटॉप दिया जा रहा है। ऐसे में भाकियू कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर आरपार की लड़नी लड़ने को हमेशा तैयार रहना चाहिए। 
रिपोर्टर:- रवि कसौधन

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