होमगार्ड को लेकर सीएम योगी का महत्वपूर्ण फैसला, 30 दिन में होगा दिवंगत और अपंग होमगार्ड के आश्रितों का चयन
अब ड्यूटी के दौरान दिवंगत व अपंग होमगार्डों के आश्रितों को विभाग में चयन के लिए कई साल इंतजार नही करना पड़ेगा। बल्कि जिला कमाण्डेन्ट को इनकी चयन प्रक्रिया आवेदन करने के 30 दिन के भीतर पूरी करनी होगी। दिवंगत जवानों के आश्रितों के चयन में हो रही देरी और अनियमितताओं की शिकायतों के चलते शासन ने यह फैसला लिया है। प्रदेश में हर साल करीब 200 जवान ड्यूटी के दौरान दिवंगत और अपंग होते हैं। अकेले लखनऊ में सालभर में ड्यूटी के दौरान करीब दर्जनभर होमगार्डों की मौत हुई है।
अपर मुख्य सचिव होमगार्ड अनिल कुमार ने डीजी होमगार्ड समेत सभी विभागीय अधिकारियों को दिवंगत व अपंग होने की दशा होमगार्डों के आश्रितों के जल्द चयन के सम्बंध में एक शासनादेश जारी किया है। जिसमें कहा है कि ड्यूटी के दौरान दिवंगत व अपंग होमगार्ड व अवैतनिक अधिकारियों के पात्र आश्रितों के आवेदन करने के 30 दिन के भीतर इनका चयन कर लिया जाय। ताकि होमगार्ड के परिवार के सामने आर्थिक समस्या न आये। इनके चयन में विभाग वही प्रक्रिया अपनाए जो सामान्य होमगार्ड्स के लिए है। इनके चयन प्रक्रिया की कमेटी में शासन का कोई प्रतिनिधि नही होगा। बल्कि चयन प्रकिया का नोडल अफसर जिला कमाण्डेन्ट होंगे। जिला कमाण्डेन्ट इनकी चयन प्रक्रिया किसी मातहत अधिकारी के निगरानी में सम्पन्न कराएंगे।
यह होंगे पात्र
प्रदेश में ड्यूटी कर रहे 85 हजार होमगार्ड जवान और अवैतनिक अधिकारी इसके दायरे में आएंगे। ड्यूटी के दौरान कोई हादसा, बीमारी व स्वाभाविक मौत के साथ स्थायी अपंगता होने पर इनके आश्रित पात्र होंगे।
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