इस मानसून ने दिया धोखा यूपी-बिहार राजस्थान में सामान्य कम हुई बारिश

       

इस बार मानसून बारिश ने कुछ राज्यों के साथ न्याय नहीं किया हालांकि यह यकीन करना थोड़ा मुश्किल हो रहा है। आमतौर पर राजस्थान जिसे सूखा राज्य माना जाता है लेकिन इस बार वहां अब तक यूपी से 60 फीसदी अधिक बारिश हुई है। राजस्थान जैसे राज्य में यह बारिश का सामान्य पैटर्न नहीं है। 1 जून से 3 सितंबर के बीच यूपी में राजस्थान की तुलना में 60फीसदी अधिक बारिश होनी चाहिए थी लेकिन उसका उल्टा ही हुआ है। राजस्थान में अब तक मानसून सामान्य से 42 फीसदी अधिक रहा है। रेगिस्तानी राज्य में सामान्य से 384.1 मिमी की तुलना में 545.6 मिमी बारिश दर्ज की गई है। राजस्थान के 33 जिलों में से दो-तिहाई यानी 22 जिलों में अधिक बारिश हुई है। वहीं उत्तर प्रदेश की बात की जाए तो वह सूखे की चपेट में है जहां अब 44 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है। ऐसे में देखकर यह कहा जा सकता है कि सबकुछ उलटा-पुलटा हो गया है।
राजस्थान में मानसून के दौरान अब तक 545.6 मिमी बारिश हुई है वहीं उत्तर प्रदेश में 614 मिमी के सामान्य के मुकाबले सिर्फ 343.5 मिमी बारिश दर्ज की गई है। उत्तर प्रदेश के 87 प्रतिशत जिलों 75 में से 65 में कम बारिश दर्ज की गई है। 18 जिले ऐसे हैं जहां बहुत ही कम बारिश हुई है।
मौसम विभाग आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र का कहना है कि इस साल के मानसून में दो अजीबोगरीब रुझानों ने सामान्य वर्षा पैटर्न को उलट दिया। आमतौर पर बंगाल की खाड़ी से आने वाला मानसून एक पैटर्न पर समान मार्ग पर चलता है। ओडिशा से आगे बढ़ते हुए राजस्थान को पार करने से पहले छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश से आगे बढ़ता है। निम्न दबाव के चलते मध्य भारत और आसपास के क्षेत्रों में मानसूनी बारिश अच्छी होती है। आमतौर पर कुछ उत्तर की ओर बढ़ते हैं, जिससे गंगा क्षेत्र में बारिश होती है। लेकिन पिछले दो महीनों में ऐसा नहीं देखने को मिला है।
यूपी और बिहार में जिसकी वजह से कम बारिश हुई। गंगा के मैदानी इलाकों में कम वर्षा के पीछे दूसरा कारण मॉनसून ट्रफ की स्थिति भी है। इस वजह से उत्तर भारत में कम बारिश देखने को मिली है। यूपी के अलावा, बिहार में मानसून की कमी 37फीसदी, पश्चिम बंगाल में 29फीसदी और झारखंड में 26फीसदी की कमी दर्ज की गई है। बिहार जहां सामान्य रूप से राजस्थान की तुलना में दोगुनी औसत वर्षा होती लेकिन वहां भी इस बार वारिस कम।

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