बस्ती, उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 36 सीटों में सबसे रोचक चुनाव बस्ती संत कबीर नगर सिद्धार्थ नगर सीट का
बस्ती,उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 36 सीटों में सबसे रोचक चुनाव बस्ती संत कबीर नगर सिद्धार्थ नगर सीट का था। एक तरफ इस सीट से निवर्तमान विधान परिषद सदस्य संतोष यादव उर्फ सनी यादव सपा की तरफ से चुनाव लड़ रहे थे । दूसरी तरफ भाजपा ने अपने प्रदेश मंत्री सुभाष यदुवंश को मैदान में उतारा ।जहां सनी यादव अखिलेश यादव के किचन केबिनेट के सदस्य हैं और सैकड़ों करोड़ के मालिक हैं वही सुभाष यदुवंश पढ़े लिखे आईएएस की कोचिंग चलाने वाले और भाजपा के संगठन के अनुशासित सिपाही माने जाते हैं।
जब सुभाष यदुवंश को टिकट दिया गया तो बहुत लोगों ने कहा कि भाजपा ने सनी यादव को वाक् ओवर दे दिया है ।यह चुनाव बाहुबल और धनबल का होता है सुभाष यदुवंश की छवि एक संगठनात्मक और अनुशासित युवा नेता की है ।इस सीट पर उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 6401 वोटर है जिनमें सर्वाधिक संख्या यादव मुसलमान वोटरों की है सपा अपने मुस्लिम यादव समीकरण और राम प्रसाद चौधरी के भरोशे कुर्मी वोट के कारण जीत के प्रति आश्वस्त थी । चुनौती इसलिए भी बड़ी थी की बस्ती में भारतीय जनता पार्टी विधानसभा की 5 में से 4 सीटें हार गई थी । सिद्धार्थनगर में भी कैबिनेट मंत्री सतीश दिवेदी और हिंदू वाहिनी के फायर ब्रांड नेता राघवेंद्र सिंह जी भी चुनाव हार गए थे ।जहां इस कमिश्नरी में भाजपा के 07 विधायक थे तो 6 विधायक सपा के भी थे। शुरू के 5 दिन तो लोग यही कहते रहे कि भाजपा के लिए यह सीट बहुत मुश्किल है लेकिन जब सुभाष यदुवंश ने ब्लॉक वार प्रधानों और बी डी सी की की बैठकों में बोलना शुरू किया तो माहौल तेजी से बदलने लगा आपको बता दें कि सुभाष यदुवंश को भाजपा के ओजस्वी वक्ताओं में से माना जाता है और सुनील बंसल के शिष्य माने जाने वाले सुभाष यदुवंश संगठन के कुशल योजनाकार और रणनीतिकार भी माने जाते हैं । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आशीर्वाद भी इनको पढ़ते समय से ही प्राप्त है । जब सुभाष यदुवंश मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग कॉलेज गोरखपुर से बीटेक कर रहे थे उस समय मुख्यमंत्री गोरखपुर से सांसद थे उनके साथ विभिन्न आंदोलनों में कई बार सुभाष यदुवंश गिरफ्तार हुए ।अप्रैल के प्रथम सप्ताह में आते आते समाजवादी पार्टी सुभाष यदुवंश के समक्ष कमजोर पड़ने लगी ।इस प्रचंड जीत का आलम यह है कि सपा को आधा दर्जन से अधिक ब्लाकों में सिर्फ इकाई में वोट मिले ।समाजवादी पार्टी का पूरा कैडर टूटकर सुभाष यदुवंश के साथ आ खड़ा हुआ है ।सुभाष यदुवंश को भारतीय जनता पार्टी बहुत दिनों से एक यादव नेता के रूप में तैयार कर रही है अभी कुछ महीने पहले भाजपा ने यादव का एक बड़ा सम्मेलन लखनऊ में कराया था जिसका संयोजक सुभाष यदुवंश को बनाया था उसमें भी पार्टी की अपेक्षा से कई गुना ज्यादा जनसैलाब उमड़ा था। यह चुनाव अखिलेश यादव के लिए भी चुनौती था क्योंकि विधानसभा चुनाव का बदला समाजवादी पार्टी इस चुनाव में लेना चाहती थी क्योंकि सनी यादव को क्षेत्र में मिनी अखिलेश कहा जाता है सूत्रों की माने तो प्रशासन को अखिलेश यादव ने कई बार सनी यादव के लिए फोन किया लेकिन सुभाष यदुवंश कि आंधी में सपा के साथ चट्टान की तरह खड़ा एम वाय समीकरण पूरी तरह टूट गया और सपा का पूरा कैडर सुभाष यदुवंश की तरफ से शिफ्ट हो गया । 2024 के रण के लिए यह एक निर्णायक इशारा है कि सपा के यादवो पर भाजपा का यादव भारी पड़ गया ।सुभाष यदुवंश को भारतीय जनता पार्टी ने 2016 में केशव मौर्या जी की टीम में प्रदेश मंत्री बनाया बाद में उन्हें युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई और वर्तमान में भी वह भाजपा के प्रदेश मंत्री हैं संगठन का बड़ा चेहरा होने के साथ-साथ युवाओं में लोकप्रिय और अब अपनी जाति का एक बड़ा आधार लेकर भारतीय जनता पार्टी में पिछड़े नेतृत्व की अगुवाई करेंगे। चुनाव में जीत हार तो लगी रहती है लेकिन सनी यादव को जितना बुरी तरह से सुभाष यदुवंश ने हराया है ऐसा लगता है कि 3 जिलों के 37 ब्लाकों में उन्होंने कहीं सनी यादव को खड़ा होने का भी मौका नहीं दिया अखिलेश कैंप के लिए चिंता का विषय है उत्तर प्रदेश में यादवो का एक नया नायक खड़ा हो रहा है।
भाजपा जिलाध्यक्ष महेश शुक्ल के नेतृत्व व अथक परिश्रम से बस्ती जनपद के सभी ब्लॉकों में भाजपा को एकतरफा वोट मिले और प्रचण्ड जीत सुनिश्चित हुई।
दिपांशु विक्रम सिंह
भाजपा जिला मीडिया प्रभारी जनपद - बस्ती
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