जन्म दिन पर याद किये गये पूर्व आईएएस मेधा संस्थापक लक्ष्मीकान्त

   स्व0 लक्ष्मीकान्त शुक्ल को उनक 69 वें जन्म दिन पर गुरूवार को याद किया गया। लोहिया मार्केट परिसर में आयोजित कार्यक्रम में मेधा प्रवक्ता दीन दयाल त्रिपाठी ने कहा कि छात्रों को आर्थिक आधार पर शुल्क प्रतिपूर्ति और छात्रवृत्ति की सुविधा, जाति मुक्त संविधान की परिकल्पना देने वाले लक्ष्मीकान्त को सेवा काल में ही जाति राज पुस्तक लिखने के कारण बसपा की सरकार में उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा। उनकी किताब जातिराज को तत्कालीन सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया इसके बावजूद वे डिगे नहीं और शिक्षा, जातिगत आरक्षण के सवाल पर सड़क से सर्वोच्च न्यायालय तक आखिरी सांस तक लड़ते रहे।
डीडी तिवारी ने कहा कि यदि लक्ष्मीकान्त शुक्ल के संकल्पों, सिद्धान्तों का दृढता से पालन हो तो अनेक समस्याओं का समाधान हो जायेगा। कहा कि मेधा उनके सपनों को पूरा करने की दिशा में निरन्तर प्रयत्नशील है, जब तक जाति मुक्त संविधान का सपना पूरा नहीं होता चरणबद्ध ढंग से संघर्ष अनवरत जारी रहेगा। कहा कि एकल पद में आरक्षण समाप्त किये जाने की जरूरत है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में संविधान के भावना की धज्जियां उड़ायी जा रही है। इसे मेधा चुनौती देगा। कहा कि एससीएसटी एक्ट का दुरूपयोग कर सवर्णो का उत्पीड़न किया जा रहा है। निर्दोषोें के फर्जी मुकदमों की वापसी, फर्जी मुठभेड़ोें की जांव की मांग को लेकर मेधा संघर्ष तेज करेगी। पूर्व आईएएस मेधा संस्थापक स्व0 लक्ष्मीकान्त शुक्ल के चित्र पर माल्यार्पण कर नमन् करने वालों में उमेश पाण्डेय ‘मुन्ना’, अंकेश पाण्डेय, राहुल तिवारी, आलोक शुक्ल, प्रमोद पाण्डेय, विकास तिवारी, गुड्डू मिश्र, प्रतीक मिश्र, राजेश मिश्र, अश्विनी शुक्ल, गिरीराज गिरी, आशुतोष कुमार अंशू, निशान्त सिंह, अनिल कुमार आदि शामिल रहे।

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