खाद्य सुरक्षा अधिकारी मिलावट खोरो के दे रहे है संरक्षण, सरकार की मंशा पर फेर रहे है पानी
सरकार द्वारा लोगों के बेहतर स्वास्थ्य के अनेक उपाय किए जा रहे हैं पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है।
तो वही जनपद में अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में मिलावट खोर खाद्य, पेय पदार्थों में मिलावट कर घातक बीमारियां बांटने का कार्य कर रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार मिलावटखोरों पर अंकुश लगाने के लिए जिला अधिकारी की देखरेख में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की सरकार द्वारा स्थापना की गई है।
जिसमें की एक खाद्य अभिहित अधिकारी एक मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी और चार खाद्य सुरक्षा अधिकारी व कर्मचारियों की पूरी फौज तैनात है। इन सब के बावजूद भी यह वित्तीय वर्ष में जो कि समाप्त होने के कगार पर है।
इस विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़े के अनुसार पूरे जिले से सिर्फ 211 नमूने ही संकलित कर जांच के लिए भेजा गया था जिसमें से 77 नमूनों की जांच रिपोर्ट विभाग प्राप्त हो चुकी है। बाकी के 134 नमूनों की जांच रिपोर्ट अभी विभाग को प्राप्त नहीं हुआम
हैरान करने वाली बात यह है कि विभाग को जो 77 नमूनों की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई है उसमें से 49 नमूनों में मिलावट पाई गई है यानी कि फेल पाए गए है जो कि मानव स्वास्थ्य के लिए पूरी तरह से हानिकारक है।
आश्चर्य की बात है कि इतनी बड़ी संख्या में नमूनों का फेल पाया जाना इतने बड़े जनपद से जहां की छाेटी बड़ी करीब लाखाे दुकानें स्थापित है।
ऐसे में विभाग द्वारा पूरे वित्तीय वर्ष में सिर्फ 211 नमूने ही संकलित करना जिले के किसी आला अधिकारी द्वारा संज्ञान ना लेना आश्चर्य की बात है।
बताया जाता है कि इन सब के पीछे विभाग की खाऊ-कमाऊ नीति चलती है जिसका हिस्सा ऊपर तक पहुंचता है जिससे कि उच्चाधिकारी इस विभाग की कार्य शैली पर माैन स्वीकृति प्रदान किए रहते हैं।
Post a Comment
0 Comments