बस्ती, जिलाचिकित्सालय आयुष चिकित्सा अधिकारी, डॉ, वी,के, वर्मा की दीपवाली पर कविता
छाई चहुंदिश खुशी अपार।
है हर एक तरफ गुलजार।
जगमग दीप जलाओ, आया
दिया दिवाली का त्यौहार।
धरा वधू करती श्रृंगार।
अंबर करता है मनुहार।
कैसी छटा निराली है।
सभी तरफ हरियाली है।
अधरों पर खुशहाली है।
प्रकृति नटी मतवाली है।
"वर्मा" की है यही पुकार।
करो पटाखों से मत प्यार।
जगमग दीप जलाओ,आया
दिया दिवाली का त्यौहार।
चारों तरफ लगे उजियार।
छाई कैसी मस्त बहार।
रहो सतर्क छिछोरों से।
और मिलावटखोरों से।
करो न जीवन को अभिशाप।
जुआ खेलना समझो पाप।
अंधकार को दूर भगाओ।
हर्षित मन त्यौहार मनाओ।
करो मनुजता से तुम प्यार।
जगमग दीप जलाओ, आया
दिया दिवाली का त्यौहार।
पत्नी की भी है फरमाइश।
उसको देना है सरप्राइज।
घर में है बच्चों की टोली।
बना रहे कैसी रंगोली।
चहल पहल है हंसी ठिठोली।
मनभावन कोयल सी बोली।
साली जी की फरमाइश है।
जीजा कुछ दीजै उपहार।
जगमग दीप जलाओ, आया
दिया दिवाली का त्यौहार।
सबको समझो भाई भाई।
दीवाली पर तुम्हें बधाई।
-डा. वी. के. वर्मा,
चिकित्साधिकारी, जिला चिकित्सालय बस्ती।
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