यूपी बोर्ड : नई मूल्यांकन प्रक्रिया में मेधावियों का नहीं होगा नुकसान
बस्ती
यूपी बोर्ड प्रशासन की ओर से हाईस्कूल व इंटर के परीक्षार्थियों के लिए जारी मूल्यांकन प्रक्रिया का शिक्षा जगत में आम तौर से स्वागत किया गया है। कोविड काल के कारण जहां एक ओर विद्यालय बंद चल रहे हैं, वहीं इस दौर में परीक्षा कराना शासन के लिए संभव नहीं था। ऐसी स्थिति में बिना परीक्षा कराए ही पूर्व में अर्जित अंकों के आधार पर मूल्यांकन करने का निर्णय
मूल्यांकन के लिए जो फार्मूला निर्धारित किया गया है उसके अनुसार इंटरमीडिएट परीक्षा का रिजल्ट बनाने में हाईस्कूल का 50 प्रतिशत, कक्षा 11 की वार्षिक परीक्षा का 40 प्रतिशत तथा कक्षा 12 की प्री बोर्ड परीक्ष का 10 प्रतिशत अंक जोड़ा जाएगा। इसी प्रकार हाईस्कूल का रिजल्ट तैयार करने में कक्षा नौ का 50 प्रतिशत, कक्षा 10 प्री बोर्ड का का 50 प्रतिशत अंक शामिल किया जाएगा। विद्यालय स्तर पर हुई 30 अंकों की आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा के अंक को भी शामिल किया जाएगा। इस बार मेरिट लिस्ट तैयार नहीं की जाएगी।
सरकार द्वारा बोर्ड परीक्षा के लिए बनाई गई मूल्यांकन नीति पूरी तरह छात्र हित में है। इंटरमीडिएट में हाईस्कूल परीक्षा के अंक को शामिल करने से मेधावी परीक्षार्थियों का भी अहित नहीं होगा। मौजूदा नीति से किसी भी परीक्षार्थी को नुकसान नहीं होगा। अभिभावकों के लिए भी यह काफी संतोषजनक होगा
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