आयुष्मान के मरीजों को चिह्नित करने में अस्पताल नहीं ले रहे रूचि


आयुष्मान के मरीजों को चिन्ह्ति करने में सरकारी अस्पताल रूचि नहीं ले रहे हैं। सीएमओ ने सभी ब्लॉकों के एमओआईसी को इस संबंध में कड़ पत्र लिखा है। सभी अस्पतालों को ओपीडी में आने वाले मरीजों में आयुष्मान के लाभार्थी को चिन्ह्ति कर उनका पैकेज के तहत इलाज कराना है। आयुष्मान के मरीजों के इलाज से अस्पताल की अतिरिक्त आय होगी, जिसका इस्तेमाल मरीजों के कल्याण पर किया जा सकता है।

मेडिकल कॉलेज व जिला स्तरीय अस्पतालों के साथ ही सीएमओ के अधीन संचालित ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों को भी आयुष्मान भारत योजना के तहत सूचीबद्ध किया गया है। यहां आने वाले आयुष्मान के लाभार्थियों को अस्पताल में भर्ती कर उनका इलाज कराया जाना है। पैकेज के अनुसार इलाज पर अस्पताल को भुगतान होता है। आयुष्मान के तहत हुई कमाई को रोगी कल्याण समिति के तहत खर्च किया जा सकता है।

सीएमओ की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत अधिक से अधिक मरीजों को निशुल्क इलाज की सुविधा मुहैया कराना है। कुछ अस्पतालों के मेडिकल ऑफिसर व अन्य स्टॉफ इसमें रूचि नहीं ले रहे हैं। सभी एमओआईसी से कहा गया है कि वह अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर व नर्स को निर्देशित करें कि ओपीडी में आने वाले मरीजों में ज्यादा से ज्यादा आयुष्मान के लाभार्थियों को चिन्ह्ति करें तथा उन्हें भर्ती करें।

बीमारी के आधार पर पैकेज सलेक्ट कर उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित कराने में आयुष्मान मित्र का सहयोग प्रदान करें। योजना के नोडल ऑफिसर डॉ. सीएल कन्नौजिया का कहना है कि सीएमओ की तरफ से पत्र जारी किया जा चुका है। लापरवाही पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी।

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