पंचायत चुनाव : भ्रामक सूचनाएं फैलाने पर होगी कार्रवाई
बस्ती - पंचायत चुनाव से संबंधित भ्रामक सूचनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस महकमे ने कमर कसी है। आईजी ने मीडिया सेल को 24 घंटे सक्रिय रखने के निर्देश दिए हैं। अब गलत सूचनाएं फैलाने वालों पर सख्ती की जाएगी।
पंचायत चुनाव 2021 की सरगर्मी के बीच भ्रामक और गलत सूचनाएं फैलाने वालों की झड़ी लग गई है। कभी आरक्षण चक्रानुक्रम को लेकर तो कभी चुनाव की संभावित तिथियों के संबंध में मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। हालत यह है कि सही गलत में फर्क करना मुश्किल होता जा रहा है। इसी वजह से राज्य निर्वाचन आयोग ने सख्त रवैया अख्तियार कर लिया है। आईजी एके राय ने बताया कि इसके लिए जनपद पुलिस की जवाबदेही तय की गई है।
पंचायत चुनाव 2021 की सरगर्मी के बीच भ्रामक और गलत सूचनाएं फैलाने वालों की झड़ी लग गई है। कभी आरक्षण चक्रानुक्रम को लेकर तो कभी चुनाव की संभावित तिथियों के संबंध में मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। हालत यह है कि सही गलत में फर्क करना मुश्किल होता जा रहा है। इसी वजह से राज्य निर्वाचन आयोग ने सख्त रवैया अख्तियार कर लिया है। आईजी एके राय ने बताया कि इसके लिए जनपद पुलिस की जवाबदेही तय की गई है।
आयोग ने साइबर और सोशल मीडिया सेल को ऐसी भ्रामक सूचनाओं पर अंकुश लगाने के लिए 24 घंटे नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसा करने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई के दिशा-निर्देश दिए हैं।
चुनाव की सुगबुगाहट होते ही एसएमएस, एमएमएस, वीडियो या ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया के माध्यम से असत्य और भ्रामक जानकारियां वायरल कर जनसाधारण में कौतूहल बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।
वैसे तो आधिकारिक तौर पर प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य पद के आरक्षण की सूची दो बार जारी हुई है। इसकी कई तरह की लिस्ट मीडिया में वायरल हुई। उसके अनुमान के आधार सीटों की स्थिति दर्शाई गई। उसी सूची को लेकर कई संभावित प्रत्याशियों ने न केवल प्रचार करना शुरू कर दिया था, बल्कि बैनर-पोस्टर भी छापने के आर्डर दे दिए गए। कई जगह गुटबाजी भी शुरू हो गई थी, लेकिन जब आधिकारिक सूची आई तो सीटों की नवैयत बदल गई थी।
आईजी एके राय ने बताया कि आयोग की तरफ से पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि निर्वाचन प्रक्रिया के प्रारंभ होने से निर्वाचन प्रक्रिया की समाप्ति तक गठित मीडिया सेल को पूर्णरूप से सक्रिय रखकर जनसाधारण तक गलत, भ्रामक तथा सनसनी फैलाने वाली सूचनाओं पर नजर रखी जाए। पूरा जोर इस पर रहेगा कि कानून-व्यवस्था कतई बिगड़ने न पाए।
चुनाव की सुगबुगाहट होते ही एसएमएस, एमएमएस, वीडियो या ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया के माध्यम से असत्य और भ्रामक जानकारियां वायरल कर जनसाधारण में कौतूहल बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।
वैसे तो आधिकारिक तौर पर प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य पद के आरक्षण की सूची दो बार जारी हुई है। इसकी कई तरह की लिस्ट मीडिया में वायरल हुई। उसके अनुमान के आधार सीटों की स्थिति दर्शाई गई। उसी सूची को लेकर कई संभावित प्रत्याशियों ने न केवल प्रचार करना शुरू कर दिया था, बल्कि बैनर-पोस्टर भी छापने के आर्डर दे दिए गए। कई जगह गुटबाजी भी शुरू हो गई थी, लेकिन जब आधिकारिक सूची आई तो सीटों की नवैयत बदल गई थी।
आईजी एके राय ने बताया कि आयोग की तरफ से पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि निर्वाचन प्रक्रिया के प्रारंभ होने से निर्वाचन प्रक्रिया की समाप्ति तक गठित मीडिया सेल को पूर्णरूप से सक्रिय रखकर जनसाधारण तक गलत, भ्रामक तथा सनसनी फैलाने वाली सूचनाओं पर नजर रखी जाए। पूरा जोर इस पर रहेगा कि कानून-व्यवस्था कतई बिगड़ने न पाए।
रिपोर्टर - प्रदीप कुमार वर्मा
हर्रैया से
Mo. - 9838003741
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