एक को छोड़कर बाकी निजी अस्पताल नही ले रहे रुचि

बस्ती। जरूरतमंदों को उसके घर के निकट कोविड वैक्सीन लगवाने की व्यवस्था बनाई गई है। जिले में अब तक मात्र एक निजी चिकित्सालय में यह सुविधा मिल रही है। अन्य निजी चिकित्सालय के संचालक इस अभियान में कोई रुचि नहीं ले रहे हैं।
आम लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने की पहल सरकार ने पहली मार्च से ही शुरू कर दी है। इसके तहत निजी अस्पतालों में 250 रुपये प्रति के अनुसार लोगों को टीका लग सकता है। इसी क्रम में 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के बुजुर्ग और विभिन्न बीमारियों से ग्रसित 45 वर्ष से ऊपर के लोगों को टीकाकरण से प्रतिरक्षित किया जा रहा है। दस दिनों में कुल 4500 लोगों को टीका लगा है, जबकि हर दिन औसतन 450 लोग टीकाकरण के लिए चिकित्सालय में पहुंच रहे हैं।कोरोना महामारी की जंग के बाद 16 जनवरी से टीकाकरण शुरू हुआ। पहले चरण में स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों को प्रतिरक्षित करने की योजना को अमली जामा पहनाया गया। इसके बाद फ्रंट लाइन वर्कर्स और वंचित स्वास्थ्य कर्मी, अधिकारी और अन्य को प्रतिरक्षित किया गया। शुरूआत में तो लोग टीका लगवाने से भय खाते थे, मगर धीरे-धीरे यह भय समाप्त हो गया और अब हर दिन टीकाकरण की व्यवस्था को जिला अस्पताल, महिला अस्पताल ओपेक चिकित्सालय कैली संभाल रहा है।
इसके अलावा सप्ताह में तीन दिन जिले के सभी 14 सीएचसी पीएचसी और तीनों अस्पताल टीकाकरण कर रहे हैं। यह क्रम लगातार जारी है। निजी अस्पतालों को भी इसमें सहभागिता का आमंत्रण दिया गया है, मगर अब तक केवल एक चिकित्सालय ही इसमें शामिल होकर टीकाकरण कर रहा है। संचालक बताते हैं कि यहां अभी कम लोग टीका लगवाने आ रहे हैं, क्योंकि सरकारी अस्पतालों में टीका निशुल्क लगाया जा रहा है। इसका प्रभाव है, मगर प्रयास जारी है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. फखरेयार हुसैन ने कहा कि सभी निजी अस्पतालों से संपर्क साधा गया था, मगर अभी केवल श्रीकृष्णा मिशन अस्पताल ही अपनी सहभागिता निभा रहा है। वैसे हर दिन शहर के तीनों सरकारी अस्पतालों में टीकाकरण होता है। आम लोगों को भी टीका लगाया जाएगा, फिलहाल अभी बीमारों और 60 वर्ष से ऊपर के लोगों को प्रतिरक्षित किया जा रहा है। दस दिन में करीब 45 सौ को प्रतिरक्षित किया जा चुका है।
रिपोर्टर - प्रदीप कुमार वर्मा
           हर्रैया से
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