सौम्या अग्रवाल बस्ती की नई जिलाधिकारी बनी, जानिए उनकी सफलता की कहानी


 

बस्ती।उत्तर प्रदेश में आईएएस के तबादले के क्रम में शासन द्वारा बस्ती की नई जिलाधिकारी श्री मती सौम्या अग्रवाल की नियुक्ति की गई है। बस्ती के लोकप्रिय डीएम आशुतोष निरंजन देवरिया के जिलाधिकारी बनाए गए हैं
श्री मती सौम्या अग्रवाल ने इंजीनियरिंग करने के बाद विदेश में नौकरी किया, फिर वतन वापस लौटकर जमकर पढाई किया और IAS अधिकारी बन गई

 

सौम्या अग्रवाल जी को आईएएस "IAS" बनने का शौक नहीं था वह सिर्फ अपने पिता और दादा जी का सपना पूरा करने के लिए आईएएस बनीं डीएम सौम्या अग्रवाल आगरा'लखनऊ की रहने वाली हैं। सौम्या जी की शिक्षा लखनऊ में पूरी हुई। उनके पिता ज्ञानचंद अग्रवाल रेलवे में सिविल इंजीनियर थे। वह तथा उनके परिवार आलमबाग की रेलवे कालोनी में रहते थे। वह हमेशा साइकिल से हीं स्कूल जाती थीं। सौम्या सेंट मैरी कांवेंट स्कूल से इंटरमीडिएट करने के बाद वह दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया।

सौम्या बनी साफ्टवेयर इंजीनियर

वह दिल्ली में ही रह कर साफ्टवेयर इंजीनियर बन गईंं। उसके बाद साल 2004 में उन्हें पुणे की एक निजी कंपनी में नौकरी मिल गई। कुछ दिन तक वो पुणे में रही। उसके बाद कंपनी ने सौम्या को लंदन भेज दिया। वह अपने इस नौकरी से खुश नहीं थी, उन्हें हमेशा अपने देश की याद आती थी। मां-बाप से इतना दूर रहना उन्हें बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता था।

सौम्या ने किया आइएएस बनने का फैसला

दो वर्ष की नौकरी में हीं सौम्या का कीबोर्ड पर ऊंगलियां कतराने लगीं और सौम्या उसकी टपटप से ऊब चुकी थीं। उन्होंने अपने पिता से पूछा कि भारत में सबसे अच्छी नौकरी कौन सी हैं तो उन्होंने आइएएस "IAS"का नाम लिया। उसी समय सौम्या ने आईएएस करने का फैसला किया। साल 2006 में सौम्या नौकरी छोड़ भारत लौट आईं।
सौम्या जी ने शुरू की आईएएस की तैयारी

लखनऊ में हीं सौम्या ने संघ लोक सेवा आयोग {यूपीएससी}की तैयारी शुरू कर दी और तीन महीने के लिए उन्होंने दिल्ली के बाजीराव संस्थान में जरूर कोचिंग की। साल 2008 में उन्होंने पहले प्रयास में ही 24वां रैंक प्राप्त किया। आईएएस सौम्या को उप जिलाधिकारी के पद पर कानपुर में तैनात किया गया। फिर वह उन्नाव में डीएम रहीं। उसके बाद उनकी तैनाती कानपुर में केस्को में बतौर एमडी हो गईंं और अब वह डीवीवीएनएल की प्रबंध निदेशक 'एम डी'रही जहां से उनका तबादला बस्ती के डीएम के पद पर हुआ है

परिवार की बात करे तो सौम्या जी के पति श्री मोहित गुप्ता आईपीएस अधिकारी है और उनकी बड़ी बहन पूजा अग्रवाल" Puja Agarwal; ने एमटेक करके अपनी कंपनी में नौकरी शुरू कर दी और उनकी छोटी बहन जया अग्रवाल ने बिजनेस इकोनोमिक्स में पढ़ाई पूरी की और वह भी प्राइवेट नौकरी करने लगीं। सौम्या बताती हैं कि उनके दादाजी पीसी अग्रवाल {Pisi Agarwal} पीडब्ल्यूडी {PWD}में नौकरी करते थे। वे हमेशा कहते थे कि एक बार यूपीएससी की परीक्षा जरूर देनी चाहिए। सौम्या जी कहती हैं कि उन्होंने उनकी ख्वाहिश पूरी कर दी।

2008 बैच की आईएएस सौम्या अग्रवाल ‘ई-अनुश्रवण’ नामक प्रोजेक्ट से अत्यधिक फेमस हुई।डीएम उन्नाव के पद पर रहते हुए ही सौम्या अग्रवाल ने ई- अनुश्रवण नामक प्रोजेक तैयार किया है। इसके तहत सरकार द्वारा अलग-अलग विभाग में चलाई जा रही योजनाओं की मॉनिटरिंग हो सकेगी। अभी ई-अनुश्रवण प्रोजेक्ट उन्नाव में पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर आज भी चल रहा है

बस्ती की जनता को उनसे बहुत अपेक्षाये है की वे भी बस्ती के पूर्व जिलाधिकारियों की तरह लोक हित जनहित आदि कार्यों को सफलता पूर्वक करते हुए लोकप्रियता के शिखर को छुएंगी

     बस्ती से

 एम के पाठक

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