बस्ती, 10 अगस्त से खिलाई जानी है फाइलेरिया से बचाव की दवा

     

बस्ती, फाइलेरिया से बचाव के लिए घर-घर जाकर दवा खिलाने का सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान 10 अगस्त से शुरू होगा। एएनएम प्रशिक्षण केंद्र में जिला स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुआ।  

सीएमओ डॉ. आरपी मिश्रा ने कहा कि जो भी स्वास्थ्य कर्मी दवा खिलाने के लिए लाभार्थी के घर पर जाएं सबसे पहले उसे रोग की गम्भीरता के बारे में बताए, उसके बाद दवा के सेवन के बाद रोग से होने वाले बचाव व फायदे को बताएं। दवा को अपने सामने ही खिलाना है, किसी भी दशा में दवा किसी को न दी जाए। बताया जाए कि पांच साल तक लगातार साल में एक बार इस दवा के सेवन से फाइलेरिया से बचाव होता है ।

एसीएमओ वेक्टर बार्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम डॉ. एफ हुसैन ने बताया कि 28.80 लाख लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य इस बार रखा गया है। टीम घर पर जाकर सदस्यों की सूची तैयार करेगी तथा जिन लोगों को दवा नहीं खिलानी है, उन्हें छोड़कर सभी को दवा जरूर खिलवाई जाएगी। पिछले वर्ष लक्ष्य के 85 प्रतिशत लाभार्थियों को दव खिलावाई गई थी। दवा के प्रति पांच प्रतिशत लोगों ने उदासीनत दिखाई थी, इस बार इसे न्यूनतम स्तर पर लाना है। 

पाथ संस्था की जिला समन्वयक आरएनटीडीओ डॉ. सुचेता ने प्रशिक्षण प्रदान किया। उन्होंने बताया कि दवा को खाली पेट नहीं खाना है। एल्बेंडाजोल गोली को चबाकर ही खाएं व डीईसी गोली पानी के साथ खाएं। विभाग की ओर से जारी चार्ट के आधार पर उम्र के अनुसार ही दवा खिलवाएं।   

खिलाई जाएगी सिर्फ पेट के कीड़े मारने की दवा 

जिला मलेरिया अधिकारी आइए अंसारी ने बताया कि इस बार के अभियान में एक से दो साल तक के बच्चों को केवल पेट के कीड़े मारने की दवा खिलाई जानी है। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कुल 2305 टीम बनाई गई है। एक टीम में दो औषधि सेवक होंगे। 387 सुपरवाइजर तैनात किए जा रहे हैं। ब्लॉक पर रैपिड रिस्पांस टीम मौजूद रहेगी।   

इन्हें नहीं खिलानी है फाइलेरिया से बचाव की दवा-

- दो साल से कम उम्र के बच्चे

- गर्भवती महिलाएं 

- गम्भीर रोग, कैंसर आदि से ग्रसित मरीज

इन प्रभावों से नहीं है घबराना

कुछ लोगों द्वारा दवा का सेवन करने से बुखार, बदन दर्द, सिर में दर्द, उकाई या उल्टी जैसी दिक्कत होती है। इससे कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। यह कुछ ही लोगों में होता है, खासतौर से जिनमें फाइलेरिया के परजीवी मौजूद होते हैं। यह स्वतः ठीक भी हो जाता है।

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