बस्ती,जयन्ती पर याद किये गये महान क्रान्तिकारी डॉ. गया प्रसाद कटियार
बस्ती,सोमवार को शहीदे आजम भगत सिंह के साथ आजादी के आन्दोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महान क्रान्तिकारी डॉ.गया प्रसाद कटियार को उनके 122 वीं जयन्ती पर याद किया गया। भारतीय कुर्मी महासभा अध्यक्ष डा. वी.के. वर्मा के संयोजन में दीनबंधु ग्लोबल आई.टी.आई. जिगिना के सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने डॉ.गया प्रसाद कटियार के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें याद कियाडा. वी.के. वर्मा ने कहा कि डॉ. गया प्रसाद कटियार का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ था। उन्होने 1921 के असहयोग आन्दोलन में भाग लिया , बाद में वे हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन ऐसोसिएशन में सम्मिलित हो गये। इस प्रकार वे चन्द्रशेखर आजाद और सरदार भगत सिंह आदि देश के शीर्षस्थ क्रांतिकारियों के सम्पर्क में आ गये । साण्डर्ष वध की योजना, सिक्ख भगतसिंह के केश व दाढी काटने, गुप्त केंद्रीय कार्यालयों का संचालन करने सहित दिल्ली की पार्लियामेंट में फेंके गए बम निर्माण आदि कार्यों में अपना सक्रिय रुप से योगदान देते हुए अंततः 15 मई 1929 को सहारनपुर बम फैक्ट्री का संचालन करते हुए गिरफ्तार कर लिया गया। उनका योगदान सदैव याद किया जायेगा।
मस्तराम वर्मा, वद्री प्रसाद, प्रदीप चौधरी आदि ने डॉ.गया प्रसाद कटियार में स्वतंत्रता संग्राम आन्दोलन में किये गये योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। कहा कि उन्हें देश के सुप्रसिद्ध लाहौर षड्यंत्र केस में 7 अक्टूबर 1930 को आजीवन कारावास की सजा दी गई । लाहौर की जेल में उन्होंने अन्य बन्दियों के साथ 63 दिन की भूख हड़ताल की। बाद में उन्हें अण्डमान की सेल्यूलर जेल ‘काला पानी’ , ले जाया गया। वहाँ भी उन्होने 46 दिन भूख हड़ताल की। लगातार 17 वर्षों के लंबे जेल जीवन में कई अमानवीय यातनाओं को सहने के बाद वे बिना शर्त जेल से मुक्त किये गये। स्वतंत्र भारत में भी उन्हें शोषित-पीड़ित जनता के लिए संघर्षरत होने के कारण 2 वर्षों तक जेल में रहना पड़ा । संचालन करते हुये कृष्ण कुमार चौधरी ने कहा कि ऐसे महापुरूषों को सदैव याद किये जाने की जरूरत है। कार्यक्रम में डा. श्याम नरायन, विद्या सागर चौधरी, जयन्त प्रसाद वर्मा, अशोक वर्मा, नन्दलाल, गंगा राम, प्रमोद चौधरी, राकेश कुमार चौधरी, संजय चौधरी, श्याम सुन्दर चौधरी, विनोद कुमार, विनय चौधरी आदि शामिल रहे
मस्तराम वर्मा, वद्री प्रसाद, प्रदीप चौधरी आदि ने डॉ.गया प्रसाद कटियार में स्वतंत्रता संग्राम आन्दोलन में किये गये योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। कहा कि उन्हें देश के सुप्रसिद्ध लाहौर षड्यंत्र केस में 7 अक्टूबर 1930 को आजीवन कारावास की सजा दी गई । लाहौर की जेल में उन्होंने अन्य बन्दियों के साथ 63 दिन की भूख हड़ताल की। बाद में उन्हें अण्डमान की सेल्यूलर जेल ‘काला पानी’ , ले जाया गया। वहाँ भी उन्होने 46 दिन भूख हड़ताल की। लगातार 17 वर्षों के लंबे जेल जीवन में कई अमानवीय यातनाओं को सहने के बाद वे बिना शर्त जेल से मुक्त किये गये। स्वतंत्र भारत में भी उन्हें शोषित-पीड़ित जनता के लिए संघर्षरत होने के कारण 2 वर्षों तक जेल में रहना पड़ा । संचालन करते हुये कृष्ण कुमार चौधरी ने कहा कि ऐसे महापुरूषों को सदैव याद किये जाने की जरूरत है। कार्यक्रम में डा. श्याम नरायन, विद्या सागर चौधरी, जयन्त प्रसाद वर्मा, अशोक वर्मा, नन्दलाल, गंगा राम, प्रमोद चौधरी, राकेश कुमार चौधरी, संजय चौधरी, श्याम सुन्दर चौधरी, विनोद कुमार, विनय चौधरी आदि शामिल रहे
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