बस्ती,डीएम और एसपी सहित कई लोगो ने कारगिल शहीदों को दी श्रद्धांजलि

  बस्ती,कारगिल युद्ध की विजय के 22 वर्ष हमारे लिए गर्व के वर्ष हैं। 26 जुलाई 1999 को इसी दिन भारतीय सेना ने कारगिल युद्ध के दौरान चलाये गये ऑपरेशन विजय को सफलता पूर्वक अंजाम दिया था इसीलिए इस दिवस को कारगिल दिवस के रूप में पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता रहा है। जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास बोर्ड, एन सी सी सी व सनातन धर्मी संस्था के संयुक्त तत्त्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई।
इस दौरान जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने उपस्थित एन सी सी कैडेट्स, पूर्व सैनिकों व शहर के गणमान्य नागरिको को सम्बोधित करते हुये कहा कि हम सबको भारतीय सेना के पराक्रम पर गर्व है, कारगिल युद्ध कई मामलों में महत्वपूर्ण माना जाता है, जहाँ एक तरफ भारतीय थल सेना ने वहीं दूसरी तरफ वायु सेना के विमानों ने अत्यन्त ऊंचाई पर अपने रण कौशल से विजय पाई वहीं दुनिया भर को भारतीय सेना की ताकत का एहसास कराया। उन्होंने आयोजकों को सुंदर आयोजन के लिये शुभकामनाएं दीं।
पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि 22 वर्ष पूर्व 5000 मीटर से अधिक ऊंचाई पर स्थित टाइगर हिल पर जब भारतीय सेना तिरंगा फहराया उस वक्त देश के प्रत्येक व्यक्ति के मन में सुरक्षा का जो भाव पैदा हुआ वह आज तक बना हुआ है।जिला सैनिक कल्याण बोर्ड अधिकारी कैप्टन बिजेंद्र ने कहा कि सेना के अदम्य साहस और वीरता को हर भारतीय को प्रणाम करना चाहिये। सेना में जो सैनिक कारगिल जैसे युद्ध मे लड़ाई लड़ रहे थे उनको दुश्मन और प्रकृति दोनों का कहर झेलना पड़ता था।एन सी सी 47 यूपी बटालियन के लेफ्टिनेंट जे के शाही ने कहा कि 22 साल से आज तक सेना का यह शौर्य हमारे दिलों में जीवित है, उन्होंने कहा कि सनातन धर्मी संस्था ने बहुत अच्छा संयोजन किया है, संयुक्त रूप से आयोजित इस आयोजन ने शहीदों के पराक्रम और बलिदानों की यादें हम सभी के जेहन में तरो ताजा कर दीं हैं।
कुआनो नदी के किनारे स्थित कारगिल शौर्य स्तम्भ पर सुबह से ही साफ सफाई व फूलों और तिरंगा गुब्वारों को सजाकर देशभक्ति के गीत बजने शुरू हो गये। एन सी सी कैडेट्स, सनातन धर्मी संस्था से आई बालिकाओं, सेना की तैयारी कर रहे युवाओं, पूर्व सैनिकों व शहर के गणमान्य नागरिकों ने स्तम्भ पर पुष्प चक्र व पुष्प चढ़ाकर बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी। पुष्पांजलि के बाद 2 मिनट का मौन रखा गया फिर अथितियों का उद्बोधन हुआ फिर राष्ट्रगान व भारत माता के जयकारों के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ

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